Greater Noida: कहा जाता है भारत में बीमारी से अधिक लोगों की सड़क हादसे में मौत होती है। यह बात इस साल यमुना एक्सप्रेसवे पर इस साल हुए सड़क हादसे से साबित होती दिख रही है। यमुना एक्सप्रेस वे पर जहां वर्ष 2022 में 303 सड़क हादसे हुए थे। वहीं 2023 में नवंबर तक 378 सड़क हादसे हो चुके हैं।
160 किमी लंबा है एक्सप्रेस वे
बता दें कि यमुना एक्सप्रेसवे ग्रेटर नोएडा के परी चौक से लेकर आगरा तक 165 किलोमीटर लंबा है। यह एक्सप्रेसवे नोएडा और दिल्ली को पश्चिम उत्तर प्रदेश से जोड़ता है। अलीगढ़, मथुरा, आगरा, एटा और मैनपुरी जाने के लिए इस एक्सप्रेसवे का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। वहीं लखनऊ की तरफ जाने वाले लोग भी इसी एक्सप्रेसवे से सफर करते हैं। जिसकी वजह से एक्सप्रेस वे पर वाहनों की संख्या लगातार बढ़ रही है और हादसे लगातार बढ़ रहे हैं।
5 सालों में 648 लोगों की हुई मौत
जारी आंकड़ों के अनुसार, यमुना एक्सप्रेसवे पर पिछले 5 वर्षों में 2174 सड़क हादसे हुए हैं। इन सड़क हादसों 648 लोगों ने अपनी जान का गवाई है. वहीं, 4612 लोग सड़क हादसों में घायल हुए। सड़क हादसों को लेकर 2019 में आईआईटी दिल्ली द्वारा यमुना एक्सप्रेसवे का ऑडिट कराया गया। इसके बाद उनकी तरफ से रंबल स्ट्रिप, गति पर नियंत्रण करने के लिए चालान सिस्टम दुरुस्त करने, साइन बोर्ड की संख्या बढ़ाने फल्स मीडियम आदि जैसे प्रस्ताव दिए गए थे। इसे अमल करने के बाद 2020 से यमुना एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसों में कमी आनी शुरू हो गई ।
2022 से 2023 में कम हुए सड़क हादसे
यमुना एक्सप्रेसवे पर 2020 में 509 सड़क हादसे में 122 लोगों ने अपनी जान का गवाई और 1015 लोग घायल हुए । 2021 में सड़क हादसे घटे और इनकी संख्या 424 हो गई। जान गवाने वालों की संख्या 136 हुई और घायलों की संख्या 958 हो गई। 2022 में सड़क हादसों में काफी कमी देखी गई और इस वर्ष केवल 303 सड़क हादसे हुए, जिनमें 106 लोगों की जान गई और 668 लोग घायल हुए। लेकिन 2023 में एक बार फिर सड़क हादसे बढ़ गए। 2023 में 378 सड़क हादसे हुए और 89 लोगों की मौत हुई और 669 लोग घायल हुए।
हादसे रोकने के लिए किए गए पुख्ता इंतजाम
यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि आईआईटी दिल्ली और इंडियन रोड कांग्रेस के द्वारा दिए गए सुझाव पर लगातार कार्य किये गए है। यमुना एक्सप्रेस वे पर हादसों को रोकने के लिए काफी कार्य किया गया है। इस दौरान एक्सप्रेसवे के प्रवेश व विकास द्वारा और जन सुविधाओं के पास रंबल स्ट्रिप लगाई गई है ताकि वहां पर वाहनों की गति कम हो सके। निकास द्वारा पर क्रश एन्टीन्यूटर्स लगाए गए हैं ।