Gautam Buddha Nagar: अखिल भारतीय किसान सभा गौतमबुद्ध नगर इकाई ने वाइस प्रेसिडेंट ऑफिस एनपीसीएल कंपनी के दफ्तर पर बुधवार को जोरदार धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि एनपीसीएल कंपनी नाजायज तौर पर किसानों का शोषण कर रही है. नाजायज चोरी के मुकदमे दर्ज कर रही है.
जानें पूरा मामला
दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की समस्या को लेकर सैकड़ों की संख्या में किसान सभा के कार्यकर्ताओं के नेतृत्व में पीड़ित ग्रामीण बिजली उपभोक्ताओं का शारदा विश्वविद्यालय के सामने स्थित एनपीसीएल बिजली दफ्तर पर धरना प्रदर्शन हुआ. इस धरने की अध्यक्षता बाबा संतराम ने की. संचालन महासचिव जगदीश नंबरदार ने किया. वहीं, धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि एनपीसीएल कंपनी नाजायज तौर पर किसानों का शोषण कर रही है. नाजायज चोरी के मुकदमे दर्ज कर रही है. ग्रामीण क्षेत्रों में सप्लाई ग्रामीण शेड्यूल के अनुसार दी जा रही है. जबकि बिजली के रेट शहरी रेट पर चार्ज किए जा रहे हैं, जो कि बिजली कानून का सरासर उल्लंघन है.
बेवजह लोगों को किया जा रहा परेशान
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने कहा कि कंपनी प्राधिकरण क्षेत्र में काम कर रही है. जबकि अधिग्रहण से प्रभावित लोगों को नौकरी नहीं देती है. निजी ट्यूबवेल के चार्ज भी लिए जा रहे हैं. जबकि ट्यूबवेल का बिल उत्तर प्रदेश सरकार ने माफ कर दिया है. जिससे साफ पता चलता है कि बेवजह लोगों को पीड़ित किया जा रहा है. लोगों में कंपनी के खिलाफ भारी असंतोष है.
बता दें कि, पुलिस के सीनियर अधिकारी एसीपी सुशील कुमार की ओर से कंपनी के उपाध्यक्ष सारनाथ गांगुली के साथ बातचीत करने का प्रस्ताव आया. 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बात करते हुए कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट ने ट्यूबवेल पर हाल ही में वसूले गए सभी बिल राशि को वापस करने का आश्वासन दिया और आगे सरकारी नोटिफिकेशन को पूरी तरह लागू करने के लिए कहा है.
वहीं, बिजली चोरी के मामलों में किसान सभा ने मांग रखी कि 2 लाख तक की बिजली चोरी के सभी मामले रद्द किए जाए. उससे ऊपर के सभी मामलों में कैसे टू केस बेसिक पर अधिकतम धनराशि माफ करते हुए निस्तारण किया जाए. कंपनी ने आश्वासन दिया कि कंपनी के उच्च स्तर पर बातचीत की जाएगी और जो हल निकले आपको अवगत कराया जाएगा.
रोजगार की उठाई मांग
इसके साथ ही रोजगार के मुद्दे पर कंपनी ने कहा कि हम योग्यता अनुसार रोजगार देने के लिए राजी हैं. कंपनी ने जिन किसानों पर ट्यूबवेल के बिल भूमि अधिग्रहण होने के बावजूद भी आ रहे हैं वे नक्शा 11 की कॉपी दिखा दे उनका बिल खत्म कर देने का वादा किया और सहमति जताई. किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने ऐलान किया की सहमत बिंदुओं पर यदि कंपनी कार्रवाई नहीं करती है तो पुन: हजारों की संख्या में पक्का मोर्चा लगाकर कंपनी के खिलाफ प्रदर्शन किया जाएगा.