आधा चुनाव करीब संपन्न हो चुका है, अब चौथे चरण के प्रचार-प्रसार में दिग्गज नेताओं ने ताकत झोंक दी है, वही हाईप्रोफाइल सीट लखनऊ से सटी मोहनलालगंज में इस बार चुनाव दिलचस्प हो चुका है, बीजेपी से कौशल किशोर को टिकट मिला है, जिनका मुकाबला सपा के आरके चौधरी है, हालांकि कौशल अपने दम पर इस जीत को लेकर आश्वस्त है. हालांकि जब Now Noida की टीम लोगों के बीच पहुंची तो उनहोंने भी बड़े दिलचस्प जवाब दिया.
गांव की मीना बोलीं- माई कसम जीतेंगे कौशल
चुनाव का माहौल चल रहा है, एक चाय के स्टाल पर पहुंचे तो वहां कई लोग बैठे हुए थे. इस दौरान वहां लोगों से चर्चा की तो उन्होंने बताया की इस बार मोदी का बहुत प्रभाव है राम मंदिर के लिए जो कर दिए है वो इतिहास है इस बार जीत उन्हीं की होगी, वहीं मौके पर एक और व्यक्त तपाक से बोला नहीं इस बार मोदी नहीं बल्कि सपा-राहुल को जीताना है, इस बीच बीजेपी समर्थक बोले की भ्रष्टाचारियों की मोदी ने कमर तोड़ दी है उसको कौनों हरा नहीं पाएगा, हालांकि ऐसी चर्चा काफी देर तक चलती रही इसके आगे जब हम एक सब्जी वाले के पास गई तो वहां एक महिला मौजूद थी, जिससे सवाल पूछा तो उन्होंने इस बार हमारे मोहनलाल गंज से कौशल जी जीतेंगे उन्होंने हमेशा बुरे वक्त में हमारा साथ दिया. इसके साथ ही महिला ने कहा मोदी-योगी हमारे लिए भगवान है. ऐसे में ये भी जानते है कि आखिर मोहनलालगंज का जातीय समीकरण क्या है.
मोहनलाल गंज का जातीय समीकरण
आपको बता दें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित मोहनलालगंज सीट पर ज्यादातर आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है. यहां अनुसूचित जाति की आबादी करीब 35 प्रतिशत है, तो अनुसूचित जनजाति की आबादी एक फीसदी से भी कम है. ऐसे में एससी वोटर्स ही यहां पर जीत का खाका तय करते हैं. मोहनलालगंज लोकसभा सीट 1962 के लोकसभा चुनाव में वजूद में आई. शुरुआती दौर में कांग्रेस की गंगा देवी ने 60 के दशक में लगातार 3 चुनाव जीतकर यहां पर चुनावी जीत की हैट्रिक लगाई थी. लेकिन उसके बाद यहां पर कोई भी सांसद हैट्रिक नहीं लगा सका है. सपा भले ही लगातार 4 बार चुनाव जीतने में कामयाब रही थी. बसपा तो यहां से अपना खाता तक नहीं खोल सकी है। अब देखना होगा कि क्या इस बार कौशल किशोर अपने खाते में जीत के साथ हैट्रिक लगा पाएंगे. या फिर विपक्षी दल आपसी एकजुटता दिखाते हुए राजधानी लखनऊ से सटी सीट पर बीजेपी के जीत पर ब्रेक लगाते हैं.