केरल के वायनाड में भूस्खलन के कारण 400 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वायनाड पहुंचे. जहां पीएम ने राहत कार्यों का जायजा लिया. इसके साथ ही पीएम मोदी में अस्पताल में भर्ती हादसे के पीड़ितों से भी मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दिया. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायनाड भूस्खलन घटना और चल रहे राहत प्रयासों पर समीक्षा बैठक की. इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि हम सभी को मिलकर इस आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के परिवारों की सहायता करनी है. आपदा में सैकड़ों परिवार के सपने उजड़ गए हैं. प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाया है, जिसके मैंने वहां जाकर के देखा है. पीड़ित परिवार से भी मिला और उनकी पीड़ा भी सुनी है.
हर कोई बिना रुके आपदा में मदद करने पहुंचा- पीएम
बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि मैं अस्पताल भी गया और वहां, घटना में घायलों से मिला. वायनाड में भूस्खलन की घटना के बाद मैंने तुरंत मुख्यमंत्री से बात की थी और मदद भेजवाई थी. हर कोई बिना रुके आपदा में मदद करने के लिए पहुंचा था. भारत सरकार और पूरा देश पीड़ितों के साथ है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि दक्षिण से मैं लगातार संपर्क में रहा हूं. घटना के बाद पल-पल की जानकारी लेता रहा हूं. घटना में सैकड़ों परिवार के सपने उजड़ गए हैं. ऐसे संकट के समय जब हम साथ मिलकर के काम करते हैं तो कितना उत्तम परिणाम मिलता है. घटना के बाद हर कोई बिना रुके तुरंत ही आपदा प्रभावित लोगों के बीच पहुंचने का प्रयास किया.
केंद्र सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी- पीएम मोदी
पीएम ने कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं सभी पीड़ितों और उनके परिजनों को, कि हम सब इस संकट में उनके साथ हैं. सरकार में नीति नियमों के तहत सहायता राशि दी गई है. हम और भी राशि देने की कवायद करेंगे. बहुत ही उदारता पूर्वक सभी समस्याओं के समाधान के लिए केरल सरकार के साथ भारत सरकार खड़ी रहेगी. सरकार ने छोटे बच्चों और जिन्होंने अपनो को खोया है उनके लिए एक लंबे समय तक की योजना बनाने का निर्णय लिया है. 1979 में जब गुजरात के मोरबी में बारिश के बाद डैम नष्ट हुआ था और उसका सारा पानी शहर में घुस गया था, 2500 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए थे. उस समय मैंने वॉलेंटियर के रूप में कार्य किया था और मैं ऐसी आपदा की परिस्थिति को भलीभांति जानता हूं. केंद्र सरकार कोई भी कसर नहीं छोड़ेगी.हमारी ओर से पूरा सहयोग रहेगा.