सरकार के बुलडोजर एक्शन मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई. इस दौरान कोर्ट ने सवाल पूछा कि किसी का मकान सिर्फ इसलिए कैसे गिराया जा सकता है कि वो एक आरोपी है? कोर्ट इस मुद्दे पर दिशानिर्देश तैयार करेगी. जो पूरे देश में लागू होंगे. वहीं कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है.
बीजेपी का संविधान विरोधी चेहरा हुआ बेनकाब- राहुल
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर की. जिसमें उन्होंने लिखा कि बीजेपी की असंवैधानिक और अन्यायपूर्ण बुलडोजर नीति पर सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणी स्वागत योग्य है. बुलडोजर के नीचे मानवता और इंसाफ को कुचलने वाली बीजेपी का संविधान विरोधी चेहरा अब देश के सामने बेनकाब हो चुका है. बेलगाम सत्ता का प्रतीक बन चुके बुलडोजर ने नागरिक अधिकारों को कुचलकर कानून को निरंतर अहंकार भरी चुनौती दी है. त्वरित न्याय की आड़ में भय का राज स्थापित करने की मंशा से चलाए जा रहे बुलडोज़र के पहियों के नीचे अक्सर बहुजानों और गरीबों की ही घर-गृहस्थी आती है. इसी पोस्ट में राहुल ने आगे कहा कि हम अपेक्षा करते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस अति संवेदनशील विषय पर स्पष्ट दिशा निर्देश जारी कर बीजेपी सरकारों के इस लोकतंत्र विरोधी अभियान से नागरिकों की रक्षा करेगा. देश बाबा साहब के संविधान से चलेगा, सत्ता की चाबुक से नहीं.
किसी के आरोपी होने पर उसका घर कैसे गिराया जा सकता है- कोर्ट
सोमवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी का घर सिर्फ इसलिए कैसे गिराया जा सकता है क्योंकि वह एक आरोपी है? भले ही वह दोषी हो. फिर भी कानून का पालन किए बिना ऐसा नहीं किया जा सकता. हालांकि कोर्ट ने यह भी साफतौर पर कहा है कि वह किसी भी अनधिकृत निर्माण या सार्वजनिक सड़कों पर अतिक्रमण को संरक्षण नहीं देगा. वहीं उत्तर प्रदेश की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने राज्य द्वारा पहले दायर हलफनामे का हवाला दिया. उन्होंने कहा कि हलफनामे में कहा गया है कि सिर्फ इसलिए कि किसी व्यक्ति पर किसी अपराध में शामिल होने का आरोप है. उसकी अचल संपत्ति को ध्वस्त करने का आधार कभी नहीं हो सकता.