Noida: विदेशी साइबर ठगों को भारतीय बैंक खाते उपलब्ध कराने वाले तिब्बती नागरिक को यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट ने गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी फर्ज़ी दस्तवेज से भारतीय पासपोर्ट बनवाकर कई देशों की यात्रा कर चुका है। एसटीएफ को विदेशी नागरिकों द्वारा कूटरचित दस्तावेजों को तैयार करके भारतीय नागरिकता के दस्तावेज तैयार कर पासपोर्ट इत्यादि बनाने के सम्बन्ध में सूचनाएं प्राप्त हो रही थी। इसके बाद नोएडा एसटीएफ के एडीसीपी राजकुमार मिश्रा के नेतृत्व में टीम गिरोह निगरानी कर रही थी।
पूछताछ के बाद किया गिरफ्तार
सटीक सूचना पर नोएडा एसटीएफ यूनिट ने 10 सितंबर को तथाकथित चन्द्रा ठाकुर पुत्र रमेश ठाकुर निवासी 2 ई 4 फ्लोर, एलआईजी फ्लैट पैकेट – बी सेक्टर-3 द्वारिका दिल्ली को पूछताछ के लिए लाया गया। पूछताछ में साईबर फ्रॉड के लिए बैंक खाते विदेशी नागरिकों को उपलब्ध कराने के साक्ष्य प्राप्त होने पर एंव तथाकथित चन्द्रा ठाकुर को तिब्बती नागरिक होने की पहचान को छिपाते हुए पश्चिमी बंगाल से कूटरचित दस्तावेज तैयार करके फर्जी पासपोर्ट बनाने के साक्ष्य उपलब्ध होने पर गिरफ्तार कर लिया गया।
14 साल की उम्र में ही आ गया था भारत
गिरफ्तार अभियुक्त छीन्जों थारचिंन उर्फ Chanjan @ Chandra Thakur @ Tanzin S/o Losang R/o Khaba Toukur Ganzi Tibet उपरोक्त ने पूछताछ पर बताया कि उसकी उम्र लगभग 37 साल है। जब वह 14 वर्ष का था, तब वह भागकर लासा तिब्बत आ गया। जहां से 50-60 लोगों के ग्रुप के साथ ढुकला नेपाल आया और लगभग 3 माह कांठमांडू के रिफ्यूजी सेन्टर में रहा। वहां से दिल्ली के बुद्धविहार रिफ्यूजी सेंटर आया। करीब एक माह बाद वीर बिलिंग हिमाचल प्रदेश के स्कूल में पढाई शुरू की और लगभग 3 वर्ष पढाई करने के बाद दिल्ली भाग आया था। इसके बाद धर्मशाला एवं दिल्ली के विभिन्न रेस्टोरेंन्टों आदि में चार वर्ष तक काम किया। फिर वर्ष 2008 में मजनू का टीला दिल्ली में आकर रहने लगा।
2013 में बनवाया फर्जी पासपोर्ट
धीरे-धीरे न्यूरोड काठमाण्डू नेपाल से चायनीज इलेक्ट्रानिक सामान एवं अन्य चीजों को वहां से लाकर चोरी छिपे दिल्ली के मार्केट में बेचने लगा। धीरे-धीरे इसको चायनीज भाषा का अच्छा ज्ञान हो गया। वर्ष 2010-11 में फेसबुक पर महिला से दोस्ती के चलते गंगटोक सिक्किम आ गया और एक होटल पर कुक का काम करने लगा। यहीं पर इसकी मुलाकात दार्जिलिंग में होटल चलाने वाले एक लड़के से हो गयी और फिर वह दार्जिलिंग आकर रहने लगा। दार्जिलिंग में रहते हुए फर्जी भारतीय नाम “चन्द्रा ठाकुर” के नाम से कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड आदि बनाकर 2013 में भारतीय पासपोर्ट हासिल कर लिया।
भारतीय पासपोर्ट पर कई देशों की यात्रा की
इसके बाद छीन्जों थारचिन ने चीन, मलेशिया, थाईलैण्ड, दुबई जैसे कई देशों की यात्राएं की। 2021 में नेपाल यात्रा के दौरान काठमाण्डू में “ली” नामक चायनीज से मुलाकात हुई थी। ली ने उसको नेट बैंकिंग सहित भारतीय बैंक के करंट एकाउन्ट को उपलब्ध कराने को कहा। जिसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के गैंमिंग ऐप, लॉगिन ऐप, ट्रेडिट ऐप में किया जाना था। ली ने बसन्त कुंज दिल्ली के फार्म हाउस में रह रहे छीन्जों थारचिंन से संपर्क करवाया। जिसके बाद अभियुक्त छीन्जों थारचिन ने अपने पूर्व परिचित जॉर्डन से अकाउन्ट की व्यवस्था करने को कहा। जॉर्डन के साथ भारतीय बैंक अकाउन्ट इन्हें उपलब्ध कराने लगा और उसके बदले कैश पैसा लेने लगा। अभियुक्त ने एक भारतीय बैंक एकाउन्ट, चायनीज को उपलब्ध कराया गया था।
26 भारतीय अकाउंट की डिटेल आकाओं को दी
इस एकाउन्ट में लगभग साढे चार करोड रूपये का ट्रान्जेक्शन होने के बाद खाता धारक ने दिल्ली के जीटीवी एन्क्लेव थाने पर 09-12-2021 को मुकदमा दर्ज कराया था। जिसमें छीन्जों थारर्चिन (तिब्बती) जेल गया था और लगभग 9 माह जेल में रहा था। जॉर्डन इस अभियोग में सह अभियुक्त है। जेल से छूटने के बाद छीन्जों थारचिंन की मुलाकात द्वारिका के रहने वाले नन्दू उर्फ नरेन्द्र यादव से हुई, जो पहले से ही चायनीज के संपर्क में था। जो उनको पैसा लेकर इण्डियन एकाउन्ट उपलब्ध कराता था। छीन्जों थारचिन, नेपाल एवं श्रीलंका में बैठे चायनीज के संपर्क में आ गया और भारतीय व्यक्तियों के एवं फर्मों के बैंक खाते की जानकारी विदेशी नागरिकों को उपलब्ध कराने लगा। जिसका प्रयोग वे लोग साईबर क्राईम में कर रहे थे। छीन्जों थारचिंन ने वर्ष – 2023 में चन्द्रा ठाकुर के नाम से बना पासपोर्ट खत्म होने पर वर्ष 2024 में दिल्ली के पते पर कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर पुनः पासपोर्ट प्राप्त कर लिया। पूछताछ में लगभग 26 भारतीय बैंक अकाउन्ट प्रकाश में आये हैं, जिनके सम्बन्ध में गहन छानबीन की जा रही है।