यूपी की 10 सीटों पर होने वाले उपचुनावों के लिए समाजवादी पार्टी ने 6 सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं. जिसके बाद से ही यूपी के राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा शुरू हो गई है कि सपा ने अपने सहयोगी दल कांग्रेस को दरकिनार कर दिया गया है. दरअसल कांग्रेस 5 सीटों पर अपना दावा ठोंक रही थी लेकिन सपा ने कांग्रेस की मांग को कोई अहमियत नहीं दी.
हमारा कांग्रेस और इंडिया गठबंधन से नाता बना रहेगा- अखिलेश
इटावा में अपने पिता मुलायम सिंह यादव को श्रद्धाजंलि देने के बाद सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मीडिया से मुखातिब हुए. अखिलेश ने कहा कि ‘यह सही समय नहीं है यूपी उपचुनावों पर चर्चा करने का. मगर हमारा कांग्रेस और इंडिया गठबंधन से नाता बरकरार रहेगा. उपचुनाव में सपा कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ेगी.’ गौरतलब है कि चाहे मध्य प्रदेश हो या हरियाणा, कांग्रेस ने दोनों राज्यों में इंडिया गठबंधन के तहत सपा को कोई सीट नहीं दी. जिसके वजह से सपा को पीछे हटना पड़ा.
हरियाणा में कांग्रेस ने की सपा की अनदेखी- सपा प्रवक्ता
इससे पहले सपा प्रवक्ता डॉ. आशुतोष वर्मा ने कहा था कि ये साबित हो गया है कि क्षेत्रीय दलों के बिना कांग्रेस बीजेपी को हराने में सक्षम नहीं है. कांग्रेस ने हरियाणा में सपा का कोई जनाधार नहीं बता कर अनदेखी की है. फिर भी सपा मुखिया ने बड़ा दिल दिखाया और हरियाणा में कोई उम्मीदवार नहीं उतारा. महाराष्ट्र में हमारा संगठन है और हमारे विधायक भी हैं लेकिन कांग्रेस यूपी के उपचुनाव में 5 सीटें मांग रही है. इसका मतलब ये है कि वह गठबंधन को आगे नहीं ले जाना चाहती है. उनके प्रदेश अध्यक्ष 10 सीटें लड़ने का दावा कर रहे हैं लेकिन कांग्रेस के पास संगठन कहां है? 2022 के चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिन सीटों पर उपचुनाव होने हैं वहां पर सपा कई सीटों पर पहले नंबर पर थी. जबकि कांग्रेस चौथे या पांचवें स्थान पर रही.
सपा प्रवक्ता के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी बोले
वहीं सपा प्रवक्ता के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि देश और प्रदेश के मतदाता यह बात समझते हैं कि बिना कांग्रेस के भाजपा को हराना मुश्किल है. इसलिए दूसरे राजनीतिक दलों के नेताओं को बयानबाजी करने से पहले राजनीतिक गंभीरता को ध्यान में रखना चाहिए. वर्तमान समय में देश में जो संवैधानिक संकट फैला है, उससे लड़ने के लिए हमें मिलकर एक साथ आना होगा.