Noida: अमेरिका के लोगों से ठगी करने वाले दो फर्जी कॉल सेंटर का नोएडा पुलिस ने खुलासा किया है। इसके साथ ही पुलिस ने 9 महिला सहित 43 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 66 लैपटॉप, 13 मोबाइल फोन और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं। ये दोनों फर्जी कॉल सेंटर फेस 3 थाना क्षेत्र व सेक्टर 63 थाना क्षेत्र में चल रहे थे।
सेक्टर 63 में चल रहा था फर्जी कॉल सेंटर
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि थाना सेक्टर 63 पुलिस द्वारा फर्जी कॉल सेंटर संचालित कर विदेशी नागरिकों के सिस्टम के साथ छेडखानी कर पोप-अप मैसेज भेजकर उनके बैंक खातों की डिटेल प्राप्त कर लाखों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गैंग का खुलासा किया है। इस गैंग के 5 महिला एवं 14 पुरूष को बी-87 एच ब्लॉक सेक्टर 63 से गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 38 लैपटॉप, 38 चार्जर, 4 इंटरनेट मीडिया कन्वर्टर, 4 राउटर, 30 हेडफोन, 28 माउस, 11 आई कार्ड, 1 फेडरल रिजर्व सिस्टम का फर्जी दस्तावेज, 6 अदद मोबाइल फोन बरामद हुआ है।
विदेशी नागरिकों को पहले बग भेजकर फंसाते थे
डीसीपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि वह विदेशी नागरिकों के कम्प्यूटर सिस्टम/लैपटाप में बग भेजते हैं। जिससे उनका सिस्टम सही तरीके से कार्य नहीं करता। इसके बाद हम उसमे एक पोप-अप मैसेज भेजते हैं। कस्टमर उस पोप-अप मैसेज के लिंक से हम लोगों से काल से सम्पर्क करते है। जिस पर हम लोग आईवीआर कालिंग के माध्यम से उन लोगो से जुड़ते हैं। उनके सभी कम्प्यूटरो में एक्सलाईट/vicidial साफ्टवेयर है। जिससे विदेशी नागरिकों के कम्प्यूटर को अपने कन्ट्रोल में teamwiewer@anydesk@ultraviewer के माध्यम से कन्ट्रोल करते है। इसी से उनकी बैंक एकाउन्ट डिटेल प्राप्त कर लेते हैं। बाद में उनको फेडरल रिजर्व सिस्टम के नाम का फर्जी दस्तावेज भेजकर उनको विश्वास में लेकर पैसे के लिये बारकोड भेजकर बिटकोइन/क्रिप्टो करन्सी में ट्रान्सफर करा लेते है।
ठगी करने के लिए अलग-अलग सॉफ्टवेयर का करते थे इस्तेमाल
आरोपियों ने बताया कि हम सभी लोग मिलकर विदेशी नागरिकों को अपने झांसे मे लेकर धोखाधड़ी करके उनसे गिफ्ट कार्ड/क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पैसे ले लेते हैं। अगर काल के दौरान बीच में काल कट जाती है तो हम फोन पर इंस्टाल की गई टेक्स्ट नाओ एप व लाईन टू के माध्यम से वापस कॉल करते हैं। काम होने के बाद उस एप का डाटा डिलीट हो जाता है। पकड़े गये व्यक्तियो ने बताया कि सभी कम्प्यूटर में मौजूद आईवीम साफ्टवेयर तथा एक्सलाईट /eyebeam डायलर का प्रयोग करके कॉल प्राप्त करते हैं। जो कॉल सेंटर के मालिक के द्वारा लैंड करवाई जाती है। जिन्हें सोशल सिक्योरिटी नम्बर से सम्बंधित आपराधिक गतिविधियों मे उनके लिप्त होने का डर दिखाकर गिफ्ट कार्ड व क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से पैसा प्राप्त कर ठगी करते हैं। कम्प्यूटर एनीडेस्क के माध्यम से सेन्टर मालिक सागर शर्मा कन्ट्रोल करता है। वही लोग रोजाना VICIdial साफ्टवेयर की आईपी हमें भेजते है। जिससे हम सभी कम्प्यूटरों में आईपी एड्रेस डालकर लागिन करते हैं। विदेशी नागरिको को झांसे में लेकर बिट कोईन व गिफ्ट कार्ड प्राप्त कर हवाला के माध्यम से धोखाधड़ी कर पैसे लेते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड साइबर एक्सपर्ट बता कर करते थे ठगी
डीसीपी ने बताया कि इसी तरह बुधवार को थाना फेस 3 सेन्ट्रल नोएडा पुलिस द्वारा लोकल इंटेलीजेंस एवं गोपनीय सूचना के आधार पर बी 113 बिल्डिंग सेक्टर 64 में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा किया है। मौके से 24 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह सभी अपने आप को माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड साइबर एक्सपर्ट बतार विदेशी नागरिकों से ठगी करते थे।
गिरफ्तार आरोपियों ने बताया कि अलग-अलग ईमेल आईडी से विदेशी नागरिको को ईमेल भेजते हैं। हमने फर्जी US मार्शल कि ID भी बनायीं हुई है जो भेजते हैं। फर्जी इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज बनाने तथा उपयोग करने की जानकारी सिर्फ हम क्लोज़र लोग तथा पार्थ, मोहित व युनाफ को ही है। बाकी कॉलर पीड़ित के फंस जाने पर पैसे ठगने के लिए हम क्लोज़र लोगों को कॉल ट्रान्सफर कर देते हैं। eyebeam व x lite app के माध्यम से विदेशी नागरिको को अपनी बातों के झांसे में लेकर धोखाधड़ी करके उनसे गिफ्ट कार्ड व क्रिप्टो करेंसी प्राप्त कर हवाला के माध्यम से रूपये लेते हैं।