आज नरक चतुर्दशी है, जिसे इसे छोटी दीपावली भी कहा जाता है। छोटी दिवाली के दिन घर में 12 दीये जलाए जाते हैं और इस दिन हनुमान जंयती भी मनाई जाती है। छोटी दिवाली के दिन श्रीकृष्ण की उपासना भी की जाती है। क्योंकि इसी दिन उन्होंने नरकासुर का वध किया था। इस दिन यमराज की पूजा कर अकाल मृत्यु से मुक्ति और बेहतर स्वास्थ्य की आराधना की जाती है.
शुभ मुहूर्त
चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 30 अक्टूबर यानी आज दोपहर 1 बजकर 15 मिनट से होगी, समापन 31 अक्टूबर को दिन में 3 बजकर 52 मिनट पर होगा। अभ्यांग स्नान मुहूर्त 30 अक्टूबर को सुबह 5 बजकर 20 मिनट से लेकर 6 बजकर 32 मिनट तक रहेगा।
पूजन विधि
छोटी दिवाली से पहले कार्तिक कृष्ण पक्ष की अहोई अष्टमी के दिन एक लोटे में पानी भरकर रखा जाता है। नरक चतुर्दशी के दिन इस लोटे का जल नहाने के पानी में मिलाकर स्नान करने की परंपरा है। ऐसा करने से नरक के भय से मुक्ति मिलती है। वहीं, स्नान के बाद दक्षिण दिशा की ओर हाथ जोड़कर यमराज से प्रार्थना करने से मनुष्य द्वारा साल भर किए गए पापों का नाश हो जाता है। इस दिन यमराज के निमित्त तेल का दीया घर के मुख्य द्वार से बाहर की ओर लगाएं। शाम के समय सभी देवताओं की पूजन के बाद तेल के दीपक जलाकर घर की चौखट के दोनों ओर, घर के बाहर व कार्य स्थल के प्रवेश द्वार पर रखें। ऐसा करने से लक्ष्मी जी सदैव घर में निवास करती हैं। इस दिन निशीथ काल में घर से बेकार का सामान फेंक देना चाहिए। नरक चतुर्दशी के अगले दिन दीपावली पर लक्ष्मी जी घर में प्रवेश करती है, इसलिए गंदगी को घर से निकाल देना चाहिए।