Air Polluction: दिल्ली-NCR समेत उत्तर भारत के कई शहरों में प्रदूषण का स्तर अब बेहद खतरनाक स्थिति में पहुंच चुका है। दिल्ली और उसके आस-पास कई शहर गैस चैंबर में पूरी तरह से तब्दील हो चुके हैं। राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में AQI 800 के पार पहुंच चुका है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार पहुंच गया। स्वास्थ्य आपातकाल स्थिति को देखते हुए रविवार से ग्रैप-4 लागू कर दिये गये। गौतमबुद्ध नगर जिले में नर्सरी से लेकर 12वीं तक स्कूल ऑफलाइन रद्द कर दिये गये हैं। फिलहाल यहां 23 नवंबर तक ऑनलाइन क्लास के लिए डीएम ने गाइडलाइन जारी कर दिये हैं।
शहरों के क्या हैं हाल?
दिल्ली और उसके आस-पास एयर क्वालिटी हर दिन बदतर होती जा रही है। आलम ये है कि हवा अब प्रदूषित नहीं, जहरीली हो रही है। कोहरे और प्रदूषण के चलते दिन में भी अंधेरे जैसे मौसम बना हुआ है। प्रदूषण के चलते दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों को आंखों में जलन और सांस लेने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 800 के पार निकल गया। जहां डराने और स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति पैदा करता है। वहीं नोएडा, ग्रेटर-नोएडा में भी एयर क्वालिटी इंडेक्स 371 के पार निकल चुका है। बिहार की राजधानी पटना में एक्यूआई 350 और लखनऊ में वायु प्रदूषण का स्तर 321 पर पहुंच चुका है। वहीं बुलंदशहर 386, फतेहाबाद 361 और भोपाल में 264 एयर क्वालिटी इंडेक्स पहुंच चुका है।
ऑफिस के समय में भी बदलाव
प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए दिल्ली में ऑफिस के टाइमिंग में भी बदलाव किया गया है। दिल्ली सरकार के दफ्तर में अब सुबह 10 बजे से लेकर शाम साढ़े 6 बजे तक काम होंगे। वहीं एमसीडी के दफ्तर सुबह साढ़े बजे से लेकर शाम 5 बजे तक खुले रहेंगे। इसके अलावा दिल्ली के कई अन्य कार्यालय में भी वर्किंग ऑवर में बदलाव किये गये हैं।
प्रदूषण के कैसे तय होते हैं मानक?
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) वो जरिया होता है, जिसके जरिया ये मापा जाता है कि हवा की स्थिति क्या है, हवा सांस लेने के योग्य है या नहीं। इसके लिए 6 मानक बनाये गये हैं। बहुत अच्छा, अच्छा, संतोषजनक, खराब, बेहद खराब, गंभीर, जैसे कटेगरी होती है। जिनके माप के अनुसार गाइडलाइन और चेतावनी जारी की जाती है। एयर क्वालिटी इंडेक्स अगर 0 से 50 के बीच है तो वो बहुत अच्छा है। 51 से 100 के बीच में अगर हवा की गुणवत्ता है तो वो संतोषजनक में माफी में जाती है। इसी तरह 201 से 300 तक खऱाब और 301 से 400 तक बेहद खराब मापा जाता है। वहीं 401 से लेकर 500 के बीच एक्यूआई पहुंच जाय तो इसे गंभीर माना जाता है।