Greater Noida: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर विभिन्न मागों को लेकर किसानों का दूसरे दिन मंगलवार को धरना-प्रदर्शन जारी है। सोमवार को किसान महापंचायत में देशभर के वरिष्ठ किसान नेताओं ने किसानों की आवाज बुलंद की। हजारों की संख्या में किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रालियों और वाहनों के साथ महापंचायत में शामिल हुए। इस दौरान 10% प्लॉट और नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ किसानों को दिए जाने की मांग उठाई गई।
मोदी-योगी सरकार पूंजीपतियों की पक्षधर
इस दौरान वरिष्ठ किसान नेता हन्नान मौला ने कहा, “मोदी-योगी सरकार पूंजीपतियों की पक्षधर है और किसानों के अधिकारों का दमन कर रही है। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा, “यह आंदोलन आर-पार का होगा। किसान अपनी मांगों से पीछे नहीं हटेंगे। राकेश टिकैत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी नारे बंटेंगे तो कटेंगे को किसानों की एकता के लिए उपयुक्त बताया। इसके साथ ही राकेश टिकैत ने किसानों को बंटोगे तो लुटोगे का नारा दिया। टिकैत ने कहा कि वो ही कह रहे हैं कि बंटेंगे तो कटेंगे। जो किसानों पर यह बात पूरी तरह फिट बैठती है। किसान जब तक अलग-अलग बिखरे हुए अपनी लड़ाई लड़ेंगे, तब तक उन्हें सफलता मिलनी संभव नहीं है। सभी संगठनों को एक साथ आकर लड़ने होगा।
महापंचायत में प्रमुख भागीदारी
संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू), भाकियू भानु, भाकियू चढूनी सहित कई संगठनों ने आंदोलन को मजबूती प्रदान की। समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष सुधीर भाटी ने भी मंच पर आकर किसानों का समर्थन किया। महापंचायत की अध्यक्षता वरिष्ठ किसान नेता दशरथ कुमार ने की, जबकि संचालन उदल आर्य और राजीव मलिक ने संभाला। आंदोलन के दौरान पवन खटाना, अनिल तालान, सुनील फौजी, डॉक्टर रूपेश वर्मा और अन्य किसान नेताओं ने संबोधित किया।
आंदोलन का विस्तार और मांगें
महापंचायत के बाद किसानों ने 27 नवंबर तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर महापड़ाव जारी रखने और 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यमुना प्राधिकरण पर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। इसके बाद 2 दिसंबर को दिल्ली कूच करने की योजना बनाई गई है।
किसान नेता सुनील फौजी एडवोकेट ने बताया कि प्रमुख मांगों में शामिल हैं:
- प्रभावित किसानों को 10% प्लॉट और 64.7% बढ़ा हुआ मुआवजा।
- 1 जनवरी 2014 के बाद भूमि अधिग्रहण के तहत बाजार दर का चार गुना मुआवजा और 20% प्लॉट।
- भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास के लाभ।
संयुक्त किसान मोर्चा का ऐलान
संयुक्त किसान मोर्चा ने साफ किया कि जब तक किसानों को 10% आबादी प्लॉट, नए भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ और हाई पावर कमेटी की सिफारिशें लागू नहीं होतीं, आंदोलन तेज होता रहेगा। महापंचायत में शामिल सभी किसान संगठनों ने राष्ट्रीय स्तर पर संघर्ष जारी रखने और ठोस निर्णय तक डटे रहने की शपथ ली। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और डीसीपी के साथ हुई वार्ता में ठोस आश्वासन न मिलने के बाद आंदोलन के अगले चरण की योजना ने प्रशासन और सरकार के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है।