Greater Noida: ग्रेटर नोएडा में किसानों का प्रदर्शन जारी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के बाद किसानों ने यमुना प्राधिकरण पर पड़ाव डाला है। संयुक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में विभिन्न मांगों को लेकर तीसरी दिन भी हजारों किसान यमुना प्राधिकरण पर ठिठुरती ठंडी में डटे हुए हैं और अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं। यमुना प्राधिकरण कार्यालय के बाहर टेंट लगाकर महापड़ाव डाले किसानों ने जमकर नारेबाजी की और मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की बात कही। किसान नेताओं का कहना है कि प्राधिकरण लगातार उनकी मांगों को अनदेखी कर रहा है। इसलिए इस बार आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे। प्राधिकरण और जिला प्रशासन ने मांगें नहीं मानी तो दिल्ली में आंदोलन और प्रदर्शन करेंगे।
हजारों किसान मोर्चे पर डटे
बता दें कि 25 नवंबर को किसानों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर प्रदर्शन किया था और धरना शुरू कर दिया था। दो दिनों तक चले महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत समेत अन्य बड़े नेताओं ने इसमें शामिल होकर आवाज बुलंद की थी। इसके बाद 28 नवंबर से किसानों ने यमुना प्राधिकरण का घेराव किया है। किसान नेता रूपेश वर्मा का कहना है कि प्राधिकरण के खिलाफ किसानों का आंदोलन अब निर्णायक चरण में पहुंच चुका है। महापंचायत में 10 से ज्यादा किसान संगठनों के हजारों किसान पहुंचे हैं।
संसद सत्र के दौरान करेंगे दिल्ली कूच
रूपेश वर्मा ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के फैसले के अनुसार, महापड़ाव 27 नवंबर तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर था। इसके बाद 28 नवंबर से 1 दिसंबर तक यह यमुना प्राधिकरण पर जारी रहेगा। अगर प्रसाशन ने मांगें नहीं मानी तो आंदोलन का तीसरा और अंतिम चरण 2 दिसंबर को संसद सत्र के दौरान दिल्ली कूच के रूप में होगा। किसानों ने चेतावनी दी है कि अब आरपार की लड़ाई होगी। प्राधिकरण को किसानों की मांगें माननी होंगी नहीं तो लंबा आंदोलन करेंगे। किसानों के आंदोलन को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स को मौके पर तैनात किया गया है।
किसान की मांगें
1. पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के तहत प्रभावित किसानों को 10 फीसदी प्लॉट और 64.7 फीस बढ़ा हुआ मुआवजा मिले।
2. 1 जनवरी 2014 के बाद अधिग्रहित भूमि पर बाजार दर का चार गुना मुआवजा और 20 फीसदी प्लॉट दिया जाए।
3. सभी भूमिधर और भूमिहीन किसानों के बच्चों को रोजगार और पुनर्वास की व्यवस्था की जाए।
4. हाई पावर कमेटी के जरिये पास किए गए मुद्दों पर सरकारी आदेश जारी हो।
5. आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण किया जाए।