Noida: साइबर ठग ठगी का अलग-अलग तरीका ढूंढ कर लोगों को चूना लगा रहे हैं। अब साइबर ठग कंपनियों को फिशिंग (नकली) मेल के जरिए बड़े पैमाने पर ठगी कर रहे हैं। हाल ही में फ़िशिंग हमलों की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। जिनमें साइबर अपराधियों ने बड़ी धनराशि की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है।
दो कंपनियों से करोड़ों की ठगी
साइबर अपराधियों द्वारा 30 नवंबर एक व्यवसायिक कंपनी से संबधित मेल के समदर्शी फेक मेल भेजकर व्यापार से संबंधित लेनदेन की धनराशि ट्रांसफर किए जाने को कहकर उसकी कंपनी से 99,48,619 रुपयों की धोखाधड़ी की गई। जिसके संबंध में थाना साइबर क्राइम पर केस दर्ज कर विवेचना की जा रही है। पुलिस का दावा है शीघ्र आरोपियों की गिरफ़्तारी की जाएगी। इसी तरह 19 दिसंबर को एक व्यवसायिक कंपनी से संबधित मेल के समदर्शी फेक मेल भेजकर व्यापार से संबंधित लेनदेन की धनराशि ट्रांसफर किए जाने को कहकर उसकी कंपनी से 1,55,00,000 रुपयों की धोखाधड़ी की गई। जिसके संबंध में भी मुकदमा दर्ज कर साइबर थाने की पुलिस जांच कर रही है।
फ़िशिंग क्या है?
फ़िशिंग एक प्रकार का सामाजिक इंजीनियरिंग हमला है, जिसमें हमलावर इलेक्ट्रॉनिक संचार में एक विश्वसनीय संस्था की आड़ में उपयोगकर्ता के नाम, पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड विवरण जैसी संवेदनशील जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।
कैसे काम करता है?
फ़िशिंग ईमेल अक्सर बैंक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म या सरकारी एजेंसियों या प्रसिद्ध फर्म जैसे वैध संगठनों की नकल करते हैं। इनमें तत्काल अनुरोध, धमकी या लुभावने प्रस्ताव हो सकते हैं जो प्राप्तकर्ताओं को दुर्भावनापूर्ण लिंक पर क्लिक करने या अटैचमेंट खोलने के लिए लुभाते हैं। इसके बाद उपयोगकर्ता नाम, पासवर्ड, क्रेडिटकार्ड नंबर चोरी कर सकते हैं। इसके साथ ही डिवाइस पर मैलवेयर स्थापित कर संवेदनशील डेटा तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा गलत सूचना या प्रचार फैला सकते हैं। इसके साथ ही मेल पाने वाले को तत्काल कार्रवाई के लिए दबाव बनाने के लिए तात्कालिकता या भय की भावना पैदा करते हैं। वहीं, विश्वसनीय संस्था, जैसे बैंक, सरकारी एजेंसी या मित्र की आड़ में अपने आपको साइबर ठग मेल के जरिए दर्शाते हैं।
फ़िशिंग मेल से कैसे बचें?
हमेशा सावधानी के साथ ईमेल का संपर्क करें। विशेष रूप से अज्ञात प्रेषकों से या अप्रत्याशित अनुरोधों वाले ईमेल से। किसी भी वर्तनी की त्रुटियों या विसंगतियों के लिए ईमेल पते की सावधानीपूर्वक जांच करें। व्याकरण संबंधी त्रुटियों, संदिग्ध लिंक और अटैचमेंट्स की तलाश करें। मेल पर क्लिक करने से पहले वास्तविक URL देखने के लिए अपने माउस को लिंक पर होवर करें। वहीं, संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें या अटैचमेंट न खोलें. इसके सात ही प्रत्येक खाते के लिए अद्वितीय और मजबूत पासवर्ड बनाएं। अपने खातों में सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत जोड़ें।
फ़िशिंग ईमेल की रिपोर्ट करें:
संदिग्ध ईमेल को अपने ईमेल प्रदाता यासंबंधित अधिकारियों को अग्रेषित करें।
यदि बैंक डिटेल्स चेंज की जाती है तो सत्यापित करने के उपरांत ही ट्रांजिशन करें।
व्यापारिक लेनदेन मे वैकल्पिक संपर्क जैसे फ़ोन नंबर व अन्य ईमेल आईडी भी रखे।