पश्चिमी यूपी और दिल्ली NCR का कुख्यात गैंगस्टर माफिया अनिल दुजाना STF के हाथों मारा गया। यूपी एसटीएफ ने अनिल दुजाना को उस वक्त निशाना बनाया, जब वो अपनी कार से जानने वालों से मिलने जा रहा था। जानकारी के मुताबिक अनिल दुजाना ने एसटीएफ की टीम पर 15 राउंड फायरिंग की, जबकि एसटीएफ की तरफ़ से 6 राउंड फ़ायरिंग की गई।
गुर्गों से मिलने जा रहा था दुजाना
एनकाउंटर के बाद यूपी एसटीएफ ने बताया कि अनिल दुजाना अकेला था, वो अपने गुर्गों से मिलने जा रहा था। जैसे ही इसकी सूचना यूपी एसटीएफ को मिली, पहले से घात लगाकर बैठे एसटीएफ की टीम ने अनिल दुजाना को रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस को देख अनिल दुजाना ने फायरिंग शुरू कर दी।
कैसे हुआ एनकाउंटर?
STF को इनपुट मिला था कि अनिल दुजाना अपनी स्कॉर्पियो से बागपत से मुज्जफ़रनगर जाने वाला है। इस बीच वो मेरठ के इंटीरियर में भोले की झाल नहर के पास ये आएगा, ये कच्चा रास्ता है। जो गांव के अंदर की तरफ़ से निकलता है। एटीएफ मेरठ की टीम ने पहले से पोज़िशन लेकर उसका इंतज़ार किया।
सुंदर भाटी से कैसे हुई दुश्मनी?
साल 2004 में गैंगस्टर सुंदर भाटी ने नरेश भाटी का मर्डर किया था। तब से नरेश भाटी का भाई रणदीप भाटी और भांजा अमित कसाना उससे बदला लेना चाहते थे। इस काम में इन दोनों का अनिल दुजाना ने साथ दिया था। साल 2011 में साहिबाबाद के भोपुरा गेस्ट हाउस में एक शादी थी। जहां गैंगस्टर सुंदर भाटी भी पहुंचा था। उस वक़्त नरेश भाटी का भाई रणदीप, भांजा अमित और अनिल दुजाना एके-47 लेकर पहुंचे और ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस हमले में सुंदर भाटी तो बच गया लेकिन वहां मौजूद 3 अन्य लोग मारे गये। इस तिहरे हत्याकांड में साल 2012 में अनिल दुजाना को गिरफ्तार कर लिया गया।
दुजाना के भाई की हुई थी हत्या
इस हमले से बौखलाए गैंगस्टर सुंदर भाटी गैंग ने अनिल दुजाना के घर हमला कर दिया था, इस हमले में अनिल दुजाना के भाई की हत्या हो गई थी। हत्याकांड के बाद सुंदरभाटी समेत 8 लोगों को नामजद किया गया। हमले के बाद अनिल दुजाना भी बदला लेने की फिराक में था, अनिल दुजाना को मौका मिलते ही उसने सुंदर भाटी के सबसे खास शूटर राहुल की हत्या कर दी। इस रंजिश में अब तक कई हत्याएं हो चुकी हैं।