Greater Noida: जेवर में बना रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को DXN कोड मिला है। इसी के जरिए अब बुकिंग की जाएगी। AITA की तरफ से यह कोड सभी एयरपोर्ट को दिया जाता है। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को बना रही ज्यूरिख कंपनी की तरफ से बुधवार को मीडिया को एयरपोर्ट की तैयारी को लेकर जानकारी दी। इस दौरान कंपनी की सीओओ किरण जैन ने बताया कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को अपना थ्री लेटर कोड मिल गया है। इस कोड के जरिए ही एयरलाइन बुक होती हैं। यानी कि हम कह सकते हैं कि यह हमारा पिन कोड है।
कोई और यूज नहीं कर सकता ये कोड
सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा, “दुनिया के सबसे बड़े शहरी समूहों में से एक भारत का नेशनल कैपिटल रीजन एक दूसरे हवाई अड्डे का हकदार है। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट इस लंबे समय से चले आ रहे सपने को वास्तविकता बना देगा। हम अपने तीन-अक्षर आईएटीए कोड को पाने के लिए उत्साहित हैं, जो एयरपोर्ट के परिचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। हम रीजन के नए इकॉनमिक और कल्चर हब में पैसेंजर्स, कस्टमर्स और पार्टनर्स का स्वागत करने के लिए तत्पर हैं।” सीओओ किरण जैन ने बताया कि एयरपोर्ट को अब पूरी दुनिया में डीएक्सएन कोड से जाना जाएगा। यह एक यूनिक कोड है जिसका ये मतलब है कि जब भी आप कोई टिकट बुक करेंगे तो हमें डीएक्सएन से पहचाना जाएगा। ये कोड सिर्फ हम ही यूज कर सकते हैं। ये कभी भी चेंज नहीं होगा।
फो कोड में दिखेगी मॉडर्न बनारस की झलक
किरण जैन ने बताया कि उत्तर प्रदेश में ही यह इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन रहा है इसलिए हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण था कि जहां से यह शुरू हुआ है वह जगह को हम कभी ना भूले। जब हम इसकी फो कोड को डिजाइन कर रहे थे तो हमने यही सोचा था कि कुछ ऐसा डिजाइन बनाया जाए जिसको लोग कभी ना भूल पाए और उन्हें लगे कि यह कुछ जाना पहचाना है। इसको लेकर हमने काफी डिजाइन तैयार किया। जब आप वह कोड पर आएंगे तो आपको मॉडर्न बनारस की झलक दिखाई देगी। यानी वहां पर आपको जो सीढ़ियां दिखाई देगी, वह घाट की तरह लगेंगे। बीच-बीच में आपको बैठने की जगह दिखेंगे। खुली जगह में आपको रिटेल की अपॉर्चुनिटी मिलेगी, जहां पर आप शॉपिंग भी कर सकते हैं। रेस्टोरेंट भी होंगे जहां पर लोग कुछ खा भी सकते हैं। यह सभी एक खुले एरिया में होगा और यह सब कुछ बाहर ही होगा।
12 मिलियन पैसेंजर का टर्मिनल होगा तैयार
किरण जैन ने बताया कि जो सरकार के साथ हमारा एग्रीमेंट है, उसी के हिसाब से हम कम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 12 मिलियन पैसेंजर का टर्मिनल है, इसको हम 2024 दिसंबर तक पूरा कर देंगे और सरकार को हैंडओवर कर देंगे। उन्होंने बताया कि उसके बाद टेस्टिंग व अन्य कई कार्य हैं जो होने हैं उम्मीद यही है कि दिसंबर 2024 तक हम उड़ान भी कंप्लीट कर देंगे।
तेजी से चल रहा है एयरपोर्ट के निर्माण का कार्य
बता दें कि एयरपोर्ट का निर्माण तेजी से प्रगति कर रहा है। टाटा प्रोजेक्ट्स को ईपीसी कंस्ट्रक्शन कांट्रैक्ट दिए हुए एक साल से अधिक समय हो गया है। मौजूदा समय में पैसेंजर टर्मिनल की छत के लिए आवश्यक संरचनात्मक स्टील पर काम किया जा रहा है। एटीसी टॉवर अब 30 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर खड़ा हो चुका है। इसके अतिरिक्त, रनवे की पूरी लंबाई के साथ सबग्रेड कार्य प्रगति पर है। लगभग 7000 वर्कर्स जो साइट पर पूरी तरह से जुटे हुए हैं। अगले कुछ महीनों में, साइट पर 20 से अधिक इमारतें बन जाएंगी, जिनमें पैसेंजर टर्मिनल, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर, ऑफिस ब्लॉक्स, सीवेज और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के साथ इलेक्ट्रिक सबस्टेशन शामिल हैं।
क्यों खास है आईएटीए कोड
- आईएटीए कोड प्रत्येक एयरपोर्ट के लिए यूनीक हैं और देशों और शहरों के बीच किसी भी अस्पष्टता में ग्लोबली एयरपोर्ट्स के लिए आईडेंटिफायर के रूप में काम करते हैं।
- ये कोड न केवल पैसेंजर्स के ट्रैवल डॉक्युमेंट्स पर दर्ज होते हैं, बल्कि डेली बेसिस पर विभिन्न अन्य कम्युनिकेशंस में एक महत्वपूर्ण एलीमेंट के रूप में भी काम करते हैं।
- फ्लाइट शेड्यूल, टिकटिंग, एक एयरपोर्ट से दूसरे एयरपोर्ट तक बैगेज हैंडलिंग से लेकर कम्युनिकेशन, ऑपरेशन और लॉजिस्टिक को सुव्यवस्थित और विनियमित करने तक, आईएटीए कोड प्रत्येक स्तर पर एक एयरपोर्ट की पहचान को बरकरार रखने में मदद करते हैं।