बीते कुछ समय से देश में लगातार डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आए हैं। डिजिटल अरेस्ट करके देश की टॉप एजेंसियों का डर दिखाकर करोड़ों की रकम हड़पने के तमाम मामले सामने हैं। इसका शिकार सिर्फ सामान्य वर्ग के लोग ही नहीं, बल्कि कई पूर्व अधिकारी और हाई-प्रोफाइल लोग हो चुके हैं। अब पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में डिजिटल अरेस्ट के लिए देश के लोगों से सीधा संवाद किया और इससे बचने के लिए मोदी मंत्र भी दिया है।
पीएम मोदी ने डिजिटल अरेस्ट को लेकर क्या कहा
डिजिटल अरेस्ट को लेकर रविवार को पीएम मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर धमकी देकर पैसे नहीं मांगती। पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि इस तरह की धोखाधड़ी में संलिप्त लोग पुलिस, सीबीआई, आरबीआई या नारकोटिक्स अधिकारी बनकर लोगों को डराने की कोशिश करते हैं।
डिजिटल अरेस्ट से बचने के लिए ध्यान रखें ये स्टेप
प्रधानमंत्री मोदी ने ‘मन की बात’ में विस्तार से डिटिटल अरेस्ट पर बात की और कहा, “इसमें पहला कदम आपका निजी जानकारी जुटाना है। दूसरा कदम भय का वातावरण बनाना है और तीसरा है वक्त का दबाव। लोग इतने डर जाते हैं कि सोचने-समझने की शक्ति खो बैठते हैं। इस तरह की धोखाधड़ी के शिकार सभी उम्र और समाज के सभी वर्गों से हैं। कई लोग अपनी मेहनत की लाखों रुपये की रकम गंवा चुके हैं। ऐसे मामलों में डिजिटल सुरक्षा के तीन कदम होते हैं- रुकें, सोचें और कार्रवाई करें। अगर संभव हो, स्क्रीनशॉट लें और रिकॉर्डिंग करें। कोई भी सरकारी एजेंसी फोन पर इस तरह की धमकी नहीं देती और न ही पैसों की मांग करती है।”
बीते महीनों में आए तमाम हाई-प्रोफाइल मामले
इसी के साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट के फ्रॉड के खिलाफ राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें और पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी है। बीते महीनों में भारत में ‘डिजिटल अरेस्ट’ के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। हाल ही में वर्धमान समूह के चेयरमैन एसपी ओसवाल से साइबर अपराधियों ने ‘डिजिटल हिरासत’ में लेते हुए 7 करोड़ रुपये की ठगी कर ली थी। इसके साथ ही कई मामले और भी सामने आ चुके हैं।