गुरुग्राम के एक शख्स ने फूड डिलवरी ऐप जोमैटो पर झूठे दावे को लेकर लिया कानून का सहारा, फिर अदालत ने जौमैटो को समन जारी किया .
ऑनलाइन फूड डिलिवरी ऐप खाने को बहुत सफाई और सुरक्षा के साथ जल्द से जल्द खाना डिलीवर करने का वादा करती हैं, लेकिन एक शख्स के खाने को समय पर नहीं पहुंचाने पर जोमैटो को कानूनी मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. जोमैटो के स्वयं के वादे को तोड़ने पर दिल्ली की एक अदालत ने एक दीवानी मामले में जोमैटो ऐप को समन जारी कर दिया है. अदालत में दायर की गई प्ली में याचिकाकर्ता ने कहा है कि यह अस्पष्ट है कि जोमैटो ने 30 मिनट के अंदर दिल्ली के रेस्तरां से खाना लाकर गुरूग्राम और नोएडा के एड्रेस पर डिलीवर कर दिया हो.
झूठ बोलकर डिलीवर किया खाना
बता दें कि गुरुग्राम निवासी सौरव मल्ल ने जोमैटो से अपना खाना ऑर्डर किया था. उन्होंने इस ऐप के जरिए लीजेंड्स नाम की सब सर्विस से चार डिशें मंगवाई थीं। इनमें से एक डिश चिकन कबाब रोल जामा मस्जिद से, दूसरी ट्रिपल चॉकलेट चीजकेक कैलाश कॉलोनी से, तीसरा वेज सैंडविच जंगपुरा से और चौथी गलौटी कबाब मंगवाए थे. जब सौरभ ने अपने डिलीवरी पार्टनर को ट्रैक किया तो वो ऑर्डर उन रेस्तरां के बजाए किसी अज्ञात जगह से लेकर आ रहा था. इस पूरे ऑर्डर को डिलीवर करने के लिए कंपनी ने आधे घंटे का समय मांगा था. ये बात असंभव है कि कोई व्यक्ति इन जगहों से होकर व्यक्ति खुद ही आधे घंटे में गुरूग्राम आ जाए. इसी को लेकर सौरभ ने दिल्ली की अदालत में याचिका दायर कर दी है.
याचिका पर जारी हुआ समन
इस याचिका में यह भी दावा किया गया कि जोमैटो दिल्ली के रेस्तरां से खाना लाकर डिलीवर करने की झूठी प्रैक्टिस में सलंग्न था। इस याचिका को गंभीरता से लेते हुए जज उमेश कुमार ने अपना आदेश सुनाते हुए कहा कि, मुकदमे को गंभीरता से लें, समन और नोटिस जारी करें. इसके बाद याचिकाकर्ता सौरभ ने अपनी दायर की गई प्ली में यह भी पूछा कि मेरे द्वारा ऑर्डर किया गया खाना किसी अज्ञात जगह से क्यों लाकर दिया गया था और खाने को रेस्तरां की पैकेजिंग में क्यों नहीं दिया गया?