आज हर किसी की निगाहें किसानों के दूसरे आन्दोलन पर टिकी हैं. जहां एक ओर किसान अपनी मांगों को लेकर सरकार से कड़े कदमों की आस में बैठे हैं तो वहीं दूसरी ओर सरकार इस आन्दोलन को बिना किसी हल और मांग को पूरा किये बिना खत्म करना चाहती है. बता दें कि ये किसानों का पहला आन्दोलन नहीं है इससे पहले भी किसान अपनी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे थे और देश की अर्थव्यवस्था को उथल-पुथल कर दिया था. जी हां, हम बात कर रहे हैं साल 2021 की.जब पहली बार देश का अन्नदाता सड़कों पर उतरा था जिसके कारण पंजाब और हरियाणा सरकार को 3500 करोड़ रुपये का भारी नुकसान झेलना पड़ा था. अभी 2021 में हुए पहले आंदोलन की भरपाई भी नहीं हो पाई थी कि एक बार फिर किसानों ने सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया है. जिससे एक बार फिर देश की अर्थव्यवस्था की हालत बिगड़ने वाली है. वहीं दूसरी ओर पंजाब में किसानों को रोकने के लिए सीमावर्ती जिलों में पुलिस प्रशासन ने कई लेयर में सुरक्षा व्यवस्था खड़ी कर दी है.
हड़ताल से अर्थव्यवस्था को लगेगी करोड़ों की चोट
भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंडल (एसोचैम) के अनुसार साल 2021 में किसानों की हड़ताल से पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्थाओं को प्रतिदिन 3,500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था और वहीं दूसरी ओर केवल उत्तर रेलवे को इस आंदोलन के कारण 891 करोड़ रुपये के राजस्व और 2,200 करोड़ रुपये की कुल कमाई का नुकसान झेलना पड़ा था.
रोकने के लिए प्रशासन की तैयारियों पर एक नज़र
पंजाब के संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के सिद्धूपुर गुट ने 13 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया है जिससे हरियाणा के व्यापारी भी एक बार फिर परेशान हो गए हैं. हालांकि प्रशासन ने किसानों को पंजाब में रोकने की कवायद शुरू करते हुए सीमावर्ती जिलों में पुलिस प्रशासन ने कई लेयर में सुरक्षा व्यवस्था तैयार की है.
सिरसा के डबवाली में 14 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स तैनात
सिरसा में कुल 14 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स पहुंच चुकी है वहीं डबवाली में पंजाब के साथ लगती दो सीमाओं पर चार कंपनियों को तैनात किया गया और राजस्थान के अजमेर, जयपुर, हरियाणा के सोनीपत, कैथल, पंजाब के जालंधर से अर्द्धसैनिक बलों की नौ कंपनियां अकेले डबवाली पुलिस जिला में पहुंच गई हैं. जिनमें से छह कंपनियां डबवाली शहर में तैनात रहेंगी साथ ही प्रशासन ने सिरसा के घग्गर पुल को वन वे कर दिया.
शंभु टोल बंद होने से 70 लाख राजस्व का नुकसान
10 फरवरी को ही शंभू बार्डर को बंद कर दिया गया और ये टोल प्लाजा अभी आगामी आदेशों तक बंद ही रहेगा. वहीं टोल प्लाजा बंद होने से सरकार को रोजाना करीब 70 लाख रुपये के राजस्व का नुकसान होगा. पंजाब से दिल्ली वाया अंबाला कूच करने वाले किसानों को पंजाब में ही रोकने के लिए आठ लेयर सुरक्षा व्यवस्था की गई है. इसमें सबसे पहले सरियों की कीलों वाली लेयर बनाई गई है और फिर 7 फुट ऊंची कंकरीट की दीवार, रेडिमेड कंकरीट की दीवार, सरिए, कीलों वाली लेयर, कटीले तार के अलावा करंट की व्यवस्था भी प्रशासन ने की है
पंजाब की सीमाएं सील, सड़कों पर ठोंकी कीलें
फतेहाबाद जिला प्रशासन ने पंजाब के साथ लगती सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया गया है. सड़कों पर कील गाड़ दी हैं. सीमेंट के पिलर्स को क्रेन से उठाकर सड़कों के बीचों-बीच रख दिया गया है. टोहाना से पंजाब व चंडीगढ़ को जाने वाले हाईवे 148बी मार्ग पर थ्री लेयर बैरिकेड्स क्रंकीट की दीवार, मिट्टी के ऊंचे ढेर तथा बड़े-बड़े पत्थरों को मार्ग में डाला गया है. हाईवे 148बी मार्ग पर मनियाना सहित गांव सिंबलवाला को भी सील कर दिया है और हिसार रोड पर दो नहरों के पुलों के दोनों ओर कंक्रीट की दीवार व बैरिकेड्स लगाकर पूरी तरह से बंद कर दिया है. जिसके चलते अब हिसार, बरवाला व उकलाना से आने वाले वाहनों को लिंक मार्गों से होकर आना पड़ेगा.
अर्धसैनिक बलों की पांच कंपनियां तैनात
जींद में पंजाब से आने-जाने के लिए हरियाणा के दो मुख्य बॉर्डर हैं. गांव दातासिंह वाला बॉर्डर, महासिंह वाला बॉर्डरों को प्रशासन द्वारा पूरी तरह से सील कर दिया गया है. प्रशासन ने गांव दातासिंह वाला बॉर्डर के पास एक तरफ की सड़क को टैंट के पर्दों से पूरी तरह ढक दिया है. कंटीली तार व सीसीटीवी कैमरे लगाए जा रहे हैं. वहीं गांव उझाना के पास सिरसा ब्रांच नहर पर पानी की पाइप व सीमेंट के बैरिकेड्स लगाकर एक तरफ रास्ता बंद कर दिया गया है. रोडवेज की 20 बस अर्धसैनिक बलों को देने से कई रूट प्रभावित रहे.
रूट डायवर्ट एडवाइजरी जारी
सभी मार्ग व्यवसायिक वाहनों के लिए बंद कर दिये गए हैं. पुलिस ने भारी वाहन चालकों के लिए रूट एडवाइजरी जारी की है. 13 फरवरी से प्रस्तावित किसान संगठनों द्वारा दिल्ली कूच के आह्वान के संबंध में पुलिस ने ट्रक चालकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. हरियाणा से गुजरते हुए पंजाब, चंडीगढ़ को जाने वाले सभी मार्ग व्यवसायिक वाहनों के लिए 11 फरवरी से बन्द कर दिये गए हैं.
16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तैयारी
किसान, मजदूर और कर्मचारी संगठन 16 फरवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की तैयारी में जुट गए हैं. 10 फरवरी को संयुक्त किसान मोर्चा, केंद्रीय श्रमिक संगठनों और कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने ऑनलाइन बैठक कर हड़ताल की रणनीति बनाई. किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष इंद्रजीत सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा से जुड़े किसान संगठन, ट्रेड यूनियन सीटू, इंटक, एटक, एमएमएस, एआइयूटीयूसी से जुड़े सभी मजदूर संगठनों, खेत मजदूर संगठनों, सर्व कर्मचारी संघ, हरियाणा कर्मचारी महासंघ व अन्य कर्मचारी संगठनों से जुड़े पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया.