Ghaziabad: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर अब सभी राजनीतिक पार्टियां अंतिम रूप देने में लगे हुए है. ऐसे में गाजियादबाद की लोकसभा सीट काफी दिलचस्प होती नजर आ रही है. इस सीट पर बीजेपी के साथ कांग्रेस-सपा गठबंधन ने भी अपने-अपने प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है. जबकि बसपा ने भी कड़ी देते हुए पंजाबी समाज से अंशय कालरा को चुनावी मैदान में उतारा है. कहा जाता है कि गाजियाबाद का पंजाबी समाज सीधे तौर पर दोनों पार्टियों का मतदाता रहा है. अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या बसपा के इस दांव से दोनों पार्टियों को नकुसान झेलना पड़ सकता है. चलिए जानते हैं.
बसपा ने चली ये चाल
दरअसल, बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार अंशय कालरा पंजाबी समाज से आते है. जिससे साफ है कि बसपा के प्रत्याशी ने अपनी पार्टी के सधे हुए वोटों के साथ यदि पंजाबी समाज के मतों को भी अपने पक्ष में ले लिया तो कहीं ना कहीं भाजपा को तगड़ झटका लग सकता है, क्योंकि पिछले लोक सभा चुनाव से अगर तुलना की जाए तो पिछली बार इस सीट पर बीजेपी को सिर्फ बसपा ही टक्कर दे पाई थी. बसपा के उम्मीदवार सुरेश बंसल दूसरे नंबर पर रहे थे.
गठबंधन की राह मुश्किल
वहीं, कांग्रेस-सपा गठबंधन प्रत्याशी डॉली शर्मा दो चुनाव हारने के बाद सधी हुई रणनीति से अपना तीसरा चुनाव लड़ने की कोशिश करती नजर आएंगी. ऐसा कहा जाता है कि मुस्लिम समाज का डॉली शर्मा को काफी समर्थन है. जबकि बीजेपी से इस बार ब्राह्मण समाज नाराज नजर आ रहा है.
ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या ज्यादा
बता दें कि, गाजियाबाद की लोकसभा सीट पर ब्राह्मण मतदाताओं की संख्या साढ़े पांच लाख से अधिक है. अगर डॉली शर्मा इस सीट से ब्राह्मण मतदाताओं को साध लेती हैं तो कहीं ना कहीं बीजेपी को एक बहुत बड़ा झटका लग सकता है. इस सीट पर केवल एक बार कोई महिला जीती है. साल 1962 में कांग्रेस के टिकट पर कमला चौधरी ने जीत दर्ज की थी और तब से अब तक कोई भी महिला प्रत्याशी इस सीट से जीत नहीं पाई है.