Greater Noida West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट की सुपरटेक इको विलेज-2 सोसाइटी में रहने वाले लगभग 400 लोग, सोसाइटी के टैंक का दूषित पानी पीने से बीमार हो गए। बीमार हुए ज्यादातर लोगों ने उल्टी, पेट दर्द और दस्त होने की शिकायत की। अचानक एक सोसाइटी के 400 लोगों के बीमार होने की खबर से हड़कंप मच गया। स्वास्थ्य विभाग की टीमें और अधिकारी सोसाइटी में पहुंचे, जहां पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए दे दिए गए हैं। मौके पर मेडिकल टीमें, अधिकारी और पुलिस बल मौजूद है। लापरवाही के चलते हुई इस घटना की पड़ताल के लिए नॉव नोएडा की टीम भी सोसाइटी पहुंची, जहां निवासियों, पीड़ितों और अधिकारियों से इस मसले पर बात की…
निवासियों ने बताई पूरी सच्चाई
शेफाली पाल जोकि सुपरटेक इको विलेज 2 के बी-2 टॉवर की रहने वाली हैं। उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में 20 से 30 टावर इस संकमण से प्रभावित हैं। ये समस्या अभी हुई है लेकिन सोसाइटी में पिछले 5 सालों से डायरिया की समस्या चल रही है। निवासी मेंटेनेंस भरते हैं, लेकिन जब कम्प्लेन करने जाते हैं, तो मेंटेनेंस टीम समस्या को एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल देती है। बेसमेंट में सीलन के साथ ही चूहे, सांप और कुत्तों की समस्या है। दूषित पानी की वजह से लोग डायरिया से लंबे समय से प्रभावित हैं। वहीं, एक अन्य पीड़ित परिवार से बातचीत के दौरान उन्होने भी दूषित पानी की वजह से परिवार के बीमार होने की बात कही। साथ ही बताया कि उनके पड़ोसी फ्लैट और दोस्तों के बच्चे एडमिट हैं।
निवासी पुनीत चौहान ने पूरे मामले पर बात करते हुए बताया कि दो दिन से दूषित पानी की समस्या सोसाइटी में थी। लेकिन सोमवार दोपहर को जब सभी टावर्स से बीमारी की खबर सामने आई, तो इस समस्या के इतने बड़े होने का खुलासा हुआ। करीब 200 परिवार इस समस्या से परेशान हैं। सोशल मीडिया पर समस्या साझा किए जाने के बाद प्रशासन की मदद सोसाइटी तक पहुंची। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण की टीम की तरफ से पानी के सैंपल ले लिए गए हैं, लेकिन कहीं न कहीं ये समस्या बेसमेंट की दिक्कतों से संबंधित हो सकती है।
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सैंपल की होगी जांच, बिल्डर से भी मांगा जाएगा जवाब
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण (एसएम स्वस्थ विभाग) राजेश कुमार ने बताया कि सुपरटेक इको विलेज 2 सोसाइटी में दूषित पानी की वजह से लोगों के बीमार होने की खबर सामने आई है। जिसके बाद टीमें यहां पहुंची। बताया गया है कि एओए द्वारा सोसाइटी में पानी की टंकी साफ कराई गयी थी। पानी की सफाई के लिए उपयोग किए जाने वाले मैटेरियल से पानी प्रभावित हो गया, ऐसा भी कहा जा रहा है। साथ ही मैनेजमेंट से बातचीत के दौरान पता चला है कि साफ-सफाई प्रॉपर नहीं है, उन्होंने बताया कि 6 महीने में क्लिनिंग कराते हैं, जबकि तीन महीने में क्लिनिंग होनी चाहिए। इसी के साथ ही इस मसले पर बिल्डर से भी जवाब मांगा जाएगा कि वो किस तरह से सोसाइटी का संचालन कर रहे हैं। सैंपलिंग भी कराई गई है, रिपोर्ट आने पर चीजें पता चलेंगी। जोकि भी कारण होगा, सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा।
दोषी पर होगा सख्त एक्शन!
सीएमओ सुनील शर्मा भी मौके पर पहुंचे। उन्होंने लोगों के बीमार पड़ने पर बात करते हुए कहा कि मेडिकल टीमें राहत काम में लगी हुई हैं। मंगलवार को 80 लोगों का पंजीकरण हुआ है और 6 लोगों को भर्ती किया गया है। अचानक लोगों के बीमार होने का कारण दूषित पानी माना जा रहा है, लेकिन सैंपल ले लिए गए है। जब रिपोर्ट आएगी, तब सही कारण की पुष्टि होगी। लोगों में उल्टी, पेट दर्द, बुखार और दस्त की समस्या देखी गई है। उन्होंने कहा कि अगर वॉटर सप्लाई की वजह से कोई समस्या हुई है, तो उस पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।
आपको बता दें, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सुपरटेक ईको विलेज-2 में निवासियों के बीमार पड़ने की घटना को प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने गंभीरता से लिया है। प्रारंभिक तौर पर प्राधिकरण की तरफ से हो रही जलापूर्ति में किसी तरह की खामी नहीं मिली है, फिर भी टीम ने पानी का सैंपल ले लिया है। लैब से इसकी जांच कराकर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। मौके पर स्वास्थ्य टीमें मौजूद हैं। जलापूर्ति विभाग के महाप्रबंधक जितेंद्र गौतम ने बताया कि ग्रेटर नोएडा की सभी ग्रुप हाउसिंग सोसाइिटयों को प्राधिकरण की तरफ से उनके रिजर्वायर तक ही सप्लाई की जाती है। सोसाइटी के निवासियों के घरों तक जलापूर्ति खुद बिल्डर या फिर एओए (अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन) की तरफ से कराई जाती है।