Greater Noida: उत्तर प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक अहम कदम उठाया है। जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने ग्रेटर नोएडा के गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (GIMS) में एक नए मेडिकल कॉलेज भवन के निर्माण की योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है। इससे न सिर्फ स्वास्थ्य के क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
152 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान
उत्तर प्रदेश सरकार ने इस परियोजना के लिए 152 करोड़ रुपये के बजट का ऐलान किया है। जिससे मेडिकल कॉलेज भवन के साथ ही आधुनिक लाइब्रेरी, हॉस्टल और विभिन्न तरह के काम किए जाएंगे। इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने नियोजन विभाग को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी है। साथ ही विभाग को निर्देश भी दिया है कि वो परियोजना के हर पहलू पर बारीकी से नजर रखने के साथ ही इसे निर्धारित समय-सीमा के अंदर ही पूरा करें।
इन 5 स्टेप्स में होगा काम
गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (GIMS) में प्रस्तावित नवनिर्माण और विकास प्रक्रिया को लेकर बनी कार्ययोजना के अनुसार पांच प्रकार के कामों को पूरा किया जाना है। पहले काम के तौर पर अस्पताल ब्लॉक विंग 4 का विकास, दूसरे कार्य के तौर पर मेडिकल कॉलेज के विंग 5 में निर्माण और विकास कार्य, तीसरे कार्य के तौर पर पुरुष हॉस्टक के दो विंग का निर्माण, चौथे कार्य के तौर पर डायरेक्टर रेजिडेंस और पांचवें कार्य के तौर पर साइट डेवलपमेंट और एक्सटर्नल इलेक्ट्रिकल वर्क्स को पूरा किया जाएगा।
अस्पताल ब्लॉक विंग 4 का विकास कुल 8992 स्क्वेयर मीटर में होगा और बिल्डिंग G प्लस सिक्स पर बेस्ड होगी। ग्राउंड फ्लोर पर 1090 स्क्वेयर मीटर का वेटिंग एरिया, फर्स्ट फ्लोर पर 1317 स्क्वेयर मीटर में एडमिन ऑफिस, सेकेंड फ्लोर पर 1317 स्क्वेयर मीटर में ईएनटी का डिपार्टमेंट ऑफिस, थर्ड फ्लोर पर इमर्जेंसी और एनेस्थीसिया, चौथे फ्लोर पर टीबी और चेस्ट डिपार्टमेंट, पांचवें फ्लोर पर पिडियाट्रिक्स डिपार्टमेंट और छठे फ्लोर पर कम्यूनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट का विकास किया जाएगा।
बेसमेंट को गाड़ी पार्किंग के लिए दिए गए ये निर्देश
परियोजना में साफ किया गया है कि मेडिकल कॉलेज विंग 5 का 24,317 स्क्वेयर मीटर में विकास और निर्माण होगा। ये बिल्डिंग का निर्माण बी प्लस, जी प्लस सिक्स के आधार पर होगा। बेसमेंट को गाड़ी पार्किंग के लिहाज से 9540 स्क्वेयर मीटर में निर्मित किया जाएगा। वहीं, ग्राउंड फ्लोर पर एनाटॉमी डिपार्टमेंट और डाइसेंक्शन हॉल, फर्स्ट फ्लोर पर रिसर्च लैब, सेकेंड फ्लोर पर बायोकेमिस्ट्री डिपार्टमेंट और लैब्स, तीसरे फ्लोर पर पैथोलॉजी डिपार्टमेंट और लैब्स, चौथे फ्लोर पर फॉरेंसिक मेडिसिन, पांचवें फ्लोर पर डर्मेटॉलोजी और साइकियाट्री डिपार्टमेंटव, छठे फ्लोर पर कॉम्यूनिटी मेडिसिन का निर्माण और विकास किया जाएगा।
लाइब्रेरी के लिए भी दिए निर्देश
हॉस्टल के दो ब्लॉक्स को कुल 1,680 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। इसके एक ब्लॉक को ट्रिपल शेयरिंग युक्त 537 कैपेसिटी और ट्विन शेयरिंग ब्लॉक को 356 कैपेसिटी युक्त किया जाएगा। वहीं, डायरेक्टर्स रेजिडेंस को डुप्लेक्स स्ट्रक्चर के अंतर्गत 300 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। लाइब्रेरी का भी विकास किया जाएगा। मेडिकल विंग में 13 पैसेंजर्स कैपेसिटी वाले 8 आधुनिक और 26 पैसेंजर्स कैपेसिटी वाले 2 आधुनिक लिफ्ट से युक्त किया जाएगा। सभी इमारतों को अग्निशम, सीसीटीवी, एसी प्लांट्स, डीजी सेट्स, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग मॉड्यूल समेत विभिन्न सुविधाओं से लैस किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इसी प्रकार मेडिकल कॉलेज के भवन के उच्चीकरण और आधुनीकिकरण लखनऊ, गोरखपुर, मेरठ, कानपुर समेत प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेज और यूनिवर्सिटीज में भी हो रहा है।