Greater Noida: नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद सहित दिल्ली एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण से लोगों का हाल बेहाल है। आलम ये है कि लोगों को अब सांस लेने तक में भी दिक्कत होने लगी है। बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए जेवर से विधायक धीरेंद्र सिंह ने मुख्य सचिव को पत्र लिखा है। उन्होंने प्रमुख सचिव से इस मामले में सभी जरूरी कदम उठाने की मांग की है।
विधायक धीरेंद्र सिंह की अपील
साथ ही विधायक धीरेंद्र सिंह ने लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि अगर जरूरी हो तभी लोग घरों से बाहर निकलें। आपको बता दें नोएडा, ग्रेटर नोएडा में एयर क्वालिटी इंडेक्स का लेवल 500 के पार हो चुका है। स्थिति ये बन चुकी है कि स्वस्थ्य लोगों को भी सांस लेने में दिक्कत होने लगी है। इसके अलावा आंखों में चुभन महसूस हो रही है। ऐसे में सोचने वाली बात ये कि जो पहले से श्वास संबंधित बीमारी से पीड़ित हैं, उनका क्या हाल हो रहा होगा।
बीमार कर देगी ये जहरीली हवा
विधायक धीरेंद्र सिंह ने अपने पत्र में लिखा कि दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण का मुद्दा गंभीर हो चुका है। इससे तरह-तरह की बीमारियां भी होने लगी है। इस गंभीर वायु प्रदूषण से फेफड़ों और धमनियों को पहुंचाई गई क्षति दशकों तक महसूस की जाएगी। जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वास्थ्य और कल्याण पर इसका असर पड़ेगा। विधायक ने पत्र में लिखा, जब AQI 300 से अधिक हो जाता है तो आपातकालीन स्थिति की आवश्यकता होती है। जिससे फेफड़ों की गंभीर क्षति के जोखिम के कारण दैनिक गतिविधियों को रोकना आवश्यक हो जाता है। इस गंभीरता का कारण पीएम 2.5 कणों का बेहद छोटा आकार है, जो फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश करने, रक्तप्रवाह में प्रवेश करने में सक्षम हैं और न केवल श्वसन प्रणाली बल्कि हृदय प्रणाली, यकृत और हृदय को भी प्रभावित कर सकते हैं।
#Noida नोएडा-ग्रेटर नोएडा में बढ़ते वायु प्रदूषण से हाल बेहाल,विधायक धीरेंद्र सिंह ने जरूरी कदम उठाने के लिए मुख्य सचिव को लिखा पत्रI @DhirendraGBN @dmgbnagar @OfficialGNIDA @noida_authority @UppcbN @UPPCBLKO @rouppcbgbn @UppcbG pic.twitter.com/aYPMwhqh2f
— Now Noida (@NowNoida) November 3, 2023
पत्र में इन उपायों का जिक्र
विधायक धीरेंद्र सिंह ने पत्र में लिखा कि ऐसी औद्योगिक गतिविधियों पर अस्थाई रूप से रोक लगनी चाहिए, जिसके चलते उत्सर्जन में बढ़ावा मिल रहा हो। साथ ही वायु प्रदूषण के स्तर को बढ़ने से रोकने के लिए ऑड-ईवन नियम लागू किया जाना चाहिए। इसके अलावा स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में सार्वजनिक जागरुकता बढ़ाए जाने की भी मांग की गई है।