हर साल 28 जुलाई को दुनियाभर में हेपेटाइटिस की जागरुकता के उद्देश्य से ‘विश्व हेपेटाइटिस दिवस’ मनाया जाता है। इस साल हेपेटाइटिस डे 2024 की थीम ‘इट्स टाइम टू एक्शन’ यानी ‘अब एक्शन लेने का वक्त है’ रखी गई है। हेपेटाइटिस रोग क्या है? इस आर्टिकल में इस गंभीर बीमारी के लक्षण, कारण और रोकथाम के बारे में जानते हैं।
हेपेटाइटिस क्या है?
डॉक्टर बताते हैं कि ‘हेपेटाइटिस लिवर की सूजन को कहते हैं’। हम ये जानते हैं कि लिवर हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है। अगर हेपेटाइटिस रोग का समय पर ईलाज न किया जाए, तो आगे जाकर ये फाइब्रोसिस, सिरोसिस या लिवर कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी में तब्दील हो जाता है।
हेपेटाइटिस के लक्षण क्या है?
हेपेटाइटिस रोग के लक्षण मालूम होने पर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। शारीरिक कमजोरी महसूस होना, थकान अधिक महसूस लगना, भूख न लगना, पीलिया, यूरिन का रंग बदलना, पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द, सूजन और हल्का बुखार हेपेटाइटिस के शुरुआती लक्षणों में से एक हैं। हेपेटाइटिस की बीमारी अधिकतर वायरल इंफेक्शन की वजह से होती है। वहीं, इस वायरस के 5 स्ट्रेन होते हैं, जिनका नाम ए से लेकर ई तक है। इनमें सबसे खतरनाक हेपेटाइटिस बी और हेपेटाइटिस सी को माना जाता है।
हेपेटाइटिस के कारण क्या है?
जानकारी के मुताबिक, हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमित रक्त के संपर्क से फैलता है और इससे पीड़ित मरीज के लिवर में ट्यूमर भी बना सकता है। जबकि हेपेटाइटिस ए और ई कुछ ही समय में ठीक हो जाते हैं। ये स्ट्रेन पानी और खाने के माध्यम से फैलते हैं। इन सब से अलग शराब का अत्याधिक सेवन, नशीली दवाएं लेने या ऑटोइम्यून रोग भी हेपेटाइटिस होने का कारण बन सकते हैं।
कैसे करें हेपेटाइटिस से बचाव?
लिवर से जुड़ी इस गंभीर बीमारी से बचने के लिए अपने आसपास साफ-सफाई रखना बेहद जरुरी है। आप अपने खानपान पर ध्यान दें, अत्यधिक तले भुने और प्रोसेस्ड खाने से भी दूरी बनाएं साथ ही शराब के अत्यधिक सेवन से भी बचें। छोटे बच्चों का टीकाकरण अवश्य कराएं। हेपेटाइटिस के लक्षणों पर ध्यान दें और इसमें जरा भी लापरवाही ना करें जैसे ही आपको इसके लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
डिस्क्लेमर- प्रत्येक व्यक्ति की शारीरिक क्षमता के अनुसार लक्षण, कारण और प्रभाव अलग-अलग होते हैं। इसलिए जरुरत लगने पर तुंरत ही डॉक्टर से संपर्क करें।