Budget में आया मिडिल क्लास के लिए टैक्स के साथ एक और तोहफा, पढ़ें एक क्लिक में

- Nownoida editor3
- 01 Feb, 2025
मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को पेश किया. इस आम बजट में 6 प्रमुख बातों पर फोकस करने की बात कही गई है. जिनमें से एक देश के एनर्जी सेक्टर में बदलाव भी है. इसके लिए बजट में पर्याप्त ऐलान भी कर दिए गए हैं और साथ ही लोगों को सस्ती बिजली मिल सके इसकी उम्मीद भी बजट जगा रहा है.
सरकार राज्यों को देगी इंसेंटिव
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण के दौरान कहा है कि सरकार राज्यों को इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रिब्यूशन में सुधार लाने और इंटर-स्टेट बिजली ट्रांसमिशन की कैपेसिटी बढ़ाने के लिए इंसेंटिव प्रदान देगी. इससे बिजली वितरण कंपनियों की हालात बेहतर होगें. इसके साथ ही उनकी कैपेसिटी में भी बढ़ोत्तरी होगी. अगर राज्य इन रिफॉर्म्स को अपना लेते हैं, तो उन्हें राज्य की जीडीपी के 0.5 प्रतिशत के बराबर उधार से अतिरिक्त पैसा जुटाने की अनुमति दे दी जाएगी.
न्यूक्लियर एनर्जी को बढ़ावा देगी सरकार
सरकार ने देश में न्यूक्लियर एनर्जी को बढ़ावा देने का भी काम बजट में कर दिया है. सरकार द्वारा विकसित भारत के लक्ष्य को पाने के लिए साल 2047 तक देश में 100 गीगावाट की परमाणु ऊर्जा का टारगेट अचीव करना आवश्यक बताया है. इसके लिए सरकार प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी भी सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगी. ऐसा भी संभव हो सकता है कि सरकार प्राइवेट कंपनियों को उनके अपने इस्तेमाल के लिए स्थापित किए जाने वाले पावर प्लांट में परमाणु पावर प्लांट बनाने का कोई मैकेनिज्म भी डेवलप कर दे.
सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी कानून में संशोधन
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने भाषण में ये भी कहा कि प्राइवेट सेक्टर की इस क्षेत्र में सक्रिय भागीदारी हेतु सरकार परमाणु ऊर्जा अधिनियम और परमाणुवीय नुकसान के लिए सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी कानून में संशोधन करने वाली है. यही नहीं सरकार देश में छोटे मॉड्यूलर रिएक्टरों के रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर भी काम करेगी. इस पर सरकार 20,000 करोड़ रुपए खर्च करेगी और एक परमाणु ऊर्जा मिशन तैयार करेगी. सरकार का लक्ष्य साल 2033 तक देश में स्वदेशी रूप से विकसित कम से कम 5 एसएमआर को एक्टिव करने का है.
2070 तक शून्य उत्सर्जन वाली इकोनॉमी बनने का टारगेट
भारत ने साल 2070 तक शून्य उत्सर्जन वाली इकोनॉमी बनने का टारगेट रखा है. ऐसे में सरकार का 100 गीगावाट न्यूक्लियर एनर्जी का लक्ष्य उस दिशा में बढ़ाया गया एक अहम कदम है. वहीं ये देश में बिजली को लेकर कोयले पर निर्भरता को कम करने में भी मदद करेगा. जो कि सामान्य तौर पर न्यूक्लियर के मुकाबले बिजली उत्पादन करने का एक महंगा विकल्प है. न्यूक्लियर एनर्जी में एक बार निवेश के बाद लंबे वक्त तक बिजली जनरेट होती रहती है, जो बिजली के उत्पादन को सस्ता बना देता है.
सोलर और विंड एनर्जी पर सरकार का फोकस
इस समय सरकार सोलर और विंड एनर्जी पर ज्यादा फोकस कर रही है. जिससे देश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा. वहीं इस बजट में सरकार ने ईवी को आगे बढ़ाने को लेकर भी फोकस किया है. जो 2070 तक जीरो एमिशन के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेंगे.
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