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Mahakumbh की भगदड़ बनी अखिलेश के लिए सियासी हथियार, बोली ये बड़ी बात !

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संसद में चल रहे बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान माहौल उस समय गरमा गया. जब सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने महाकुंभ के मुद्दे को लेकर अपना आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया. महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ को आड़े हाथों ले लिया. अखिलेश यादव ने मौत के आंकड़े छिपाने, कुंभ में बेहतर इंतजाम ना करने के साथ ही डबल इंजन के टकराव की बात कह कर केंद्र बनाम यूपी सरकार का नैरेटिव सेट करने का दांव चल दिया है.

भगदड़ मुद्दे को लेकर अखिलेश के टारगेट पर योगी सरकार

महाकुंभ योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान सबसे बड़ा और भव्य हिंदू धार्मिक आयोजन है. जिसके लिए बीजेपी और योगी सरकार ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. सरकार की ओर से भव्य कुंभ को सफल बनाने के लिए जमकर प्रचार-प्रसार भी किया गया लेकिन मौनी अमवस्या के दिन महाकुंभ में मची भगदड़ ने सारे किए कराये पर पानी फेर कर रख दिया. तो वहीं दूसरी ओर विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका हाथ लग गया है. यही वजह है कि संसद में अखिलेश यादव ने कुंभ में मची भगदड़ के मुद्दे को लेकर योगी सरकार को नहीं घेरा बल्कि मरने वालों के आंकड़ा छिपाने को लेकर भी  हमलावर नजर आए.

मृतकों का आंकड़ा नहीं दे पाई सरकार- अखिलेश 

अखिलेश यादव ने प्रयागराज महाकुंभ हादसे को लेकर मृतकों का आंकड़ा जारी करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार मृतकों के आंकड़े नहीं दे पाई है. बच्चों के आंकड़े तो नदारद ही है. खोया-पाया केंद्रों पर लोग अपने परिजनों की खोज में लगे हुए हैं. महाकुंभ में कई लोगों ने अपने अपनों को खो दिया है. कुंभ का आयोजन कोई पहली बार तो हुआ नहीं. समय- समय पर जिसकी भी सरकारें रही हो कुंभ का आयोजन करती रही हैं.

सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने की कही बात 

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि महाकुंभ का इतना प्रचार किया गया लेकिन तैयारी और इंतजाम वैसे नहीं किए गए. 144 साल बाद ये कुंभ आया है. कहा गया कि 100 करोड़ लोगों की व्यवस्था है. अगर ये बात सही नहीं है जो मैं कह रहा हूं तो फिर मैं सदन की सदस्यता से इस्तीफा देने को तैयार हूं. अखिलेश ने कहा कि महिलाओं के कपड़े, लोगों की चप्पलें जो वहां पड़ी थीं, उन्हें जेसीबी से उठाकर ट्रैक्टर की ट्रॉलियों से हटाया गया है. अब सरकार बताए कि श्रद्धालुओं के शव कहां फेंके गए हैं.

सीएम ने मृतकों को श्रद्धांजलि तक नहीं दी 

अखिलेश ने योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि डिजिटल कुंभ कराने वाले मृतकों के आंकड़े तक नहीं दे पा रहे हैं. लाशें कहां फेंकी गईं ये तो बताया जाना चाहिए. मुख्यमंत्री द्वारा मृतकों को श्रद्धांजलि तक नहीं दी गई. वे घटना को छिपाने में लगे हुए हैं. जो लोग कुंभ में पुण्य कमाने आए थे, वो अपनों के शव लेकर गए हैं. महाकुंभ में हादसे के दिन शाही स्नान वक्त पर नहीं हुआ. शाही स्नान का एक मुहूर्त होता है, जो कि हमेशा से सनातन परंपरा रही है. यह परंपरा उस दिन टूट गई. योगी सरकार ने पहले शाही स्नान रद्द करने का आदेश दिया. फिर जब हंगामा हुआ तो शाही स्नान का आदेश दिया. सरकार ने अपने मनमाने समय से अमृत स्नान कराने का आदेश दिया है. 

"सरकार के डबल इंजन आपस में टकरा तो नहीं रहे"

अखिलेश ने डबल इंजन की सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि कहीं ऐसा तो नहीं सरकार के डबल इंजन आपस में टकरा रहे हों, अब तो खबरों में हम ऐसा पढ़ते हैं कि ना केवल टकरा रही हैं बल्कि डब्बे भी टकराने लगे हैं. सुना है क्योंकि दिल्ली में चुनाव है. इस दौरान अखिलेश ‘दिल्ली बनाम लखनऊ’ का नैरेटिव सेट करते हुए नजर आए. इसके जरिए यह संदेश देने की कोशिश की गई कि यूपी की योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. केंद्र सरकार और यूपी सरकार के बीच छत्तीस का आंकड़ा और सियासी टकराव जारी है. 

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