Greater Noida West में लगा कूड़े का अंबार, लोग बोले- ये सिर्फ 'Extension' नहीं, 'Frustration' है!

- Rishabh Chhabra
- 17 Jun, 2025
ग्रेटर नोएडा वेस्ट जिसे कुछ समय पहले तक "नोएडा एक्सटेंशन" के नाम से जाना जाता था लेकिन आज यहां की बदहाल स्थिति और समस्याओं के कारण एक नए उपनाम मिल गया है- "Greater Noida Waste"। ऐसा हम नहीं बल्कि लोग कह रहा हैं जो कि आए दिन यहां की बदहाल स्थिति और प्रशासन की उदासीनता का शिकार हो रहे हैं.
खुले में लगा कूड़े का अंबार
जी हां अगर हम बात करें नोएडा एक्सटेंशन के मुख्य मार्गों में से एक- के.एल. मिश्रा रोड जो कि राइज चौकी से शुरू होकर चार मूर्ति चौक तक जाती है। वो वर्तमान समय में एक अस्थायी डंपिंग यार्ड में तब्दील हो चुकी है। इस रोड पर बड़े-बड़े कूड़े के ढेर खुले में पड़े हुए हैं। यहां से गुजरने वाले राहगीरों का बदबू के मारे निकलना तक मुश्किल हो गया है और यह गंदगी न केवल आसपास रहने वालों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकती है।
बीते एक महीने से लोग लगातार दर्ज करा रहे शिकायतें
वहीं इस इलाके के आसपास की सोसाइटियों में हजारों परिवार रहते हैं जो कि इस कूड़े के खिलाफ बीते एक महीने से लगातार शिकायतें दर्ज करा चुके हैं। उन्होंने अथॉरिटी से इस डंपिंग ज़ोन को हटाने के लिए कई बार गुहार लगाई, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। इसके जिम्मेदार अधिकारियों की तरफ से न तो कोई ठोस कार्रवाई की गई और न ही स्थिति में सुधार आया।
पीएम और सीएम के “स्वच्छ भारत मिशन” पर पानी फेर रहे अधिकारी
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि अथॉरिटी के अधिकारी कुंभकर्णी नींद सोए हुआ हैं। देखा जाए तो जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के “स्वच्छ भारत मिशन” योजना के तहत सड़कों से लेकर गली-मोहल्ले तक में सफाई अभियान जोरों-शोंरों से चलाया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर स्थानीय प्रशासन हालात का जायजा लेने तक को तैयार नहीं है।
होटल और ढाबे वालों ने बनाया कूड़ा फेंकने का स्थायी अड्डा
इतना ही नहीं अथॉरिटी के जिम्मेदार अधिकारियों ने तो तब हद कर दी जब लोगों का दबाव बढ़ने पर बजाय कूड़े हटाने के उसे सड़क के किनारे खिसका कर छोड़ दिया. यहीं नहीं अधिकारियों की कारगुजारियों में यहां पर मौजूद होटल और ढाबे वाले भरपूर साथ दे रहे हैं. आसपास के ढाबों, होटलों और दुकानदारों ने इस स्थान को अपना स्थायी कूड़ा फेंकने का ठिकाना बना लिया है। हर दिन यहां नया कचरा इकट्ठा हो जाता है। जिसे साफ करने वाले अथॉरिटी के जिम्मेवार इस ओर कोई ध्यान ही नहीं दे रहे हैं.
जनता में उबाल, लेकिन सुनवाई नहीं
इस पूरी समस्या को लेकर इलाके के लोगों का कहना है कि वो हर संभव माध्यम से अपनी शिकायतें पहुंचा चुके हैं, फिर वो चाहें ऑनलाइन माध्यम हो या ऑफलाइन लेकिन नतीजा वही ‘शून्य’। गुस्से में लोग अब सोशल मीडिया पर क्षेत्र का नाम “Greater Noida Waste” कहकर प्रशासन की पोल खोल रहे हैं। यह स्थिति शहर की ब्रांडिंग और छवि दोनों को नुकसान पहुँचा रही है।
प्रशासन जल्द से जल्द उठाए ठोस कदम
यह मामला सिर्फ कूड़े की सफाई का नहीं है, यह सवाल है जनता की गरिमा, स्वास्थ्य और शहर की छवि का। प्रशासन को चाहिए कि वह इस इलाके की सफाई तुरंत करवाए, अस्थायी डंपिंग यार्ड को पूर्णतः हटाए, और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे। यदि जल्द कोई कदम नहीं उठाया गया, तो जनता का गुस्सा आंदोलन का रूप भी ले सकता है।
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