डिजिटल अरेस्ट कर बुजुर्ग महिला से 44 लाख ठगी का खुलासा, बैंकिंग सपोर्ट देने वाला गिरफ्तार, झांसे में लिया ऐसे
- Sajid Ali
- 04 Oct, 2025
Noida: साइबर धोखाधड़ी के मामले में एक 32 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में नोएडा की एक 76 वर्षीय महिला को 26 दिनों के दौरान डिजिटल रूप से बंधक बनाकर ₹43.70 लाख की ठगी की गई. आरोपी की पहचान राजस्थान के हनुमानगढ़ निवासी मदन कुमार के रूप में हुई है. साइबर अपराध शाखा के थाना प्रभारी रणजीत सिंह ने कहा कि जांच के दौरान पता चला कि आरोपी एक ग्राहक सेवा केंद्र (सीएसपी) चलाता है और उसने साइबर अपराधियों को अवैध धन निकालने में मदद करने के लिए अपने चालू बैंक खाते का इस्तेमाल करने की बात कबूल की है.
कमीशन पर चलता है खेल
एसएचओ ने आगे कहा कि वह गिरोह के अन्य सदस्यों को नकदी सौंपने से पहले कमीशन
काट लेता था. पुलिस ने पाया कि मदन के खाते में ₹7.80 लाख आए थे, जिन्हें उसने बैंक के अपने साथियों की मदद से निकाल लिया.
उसके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जा रही है और धोखाधड़ी में शामिल अन्य लोगों
के खिलाफ भी कार्यवाही शुरू की जाएगी.
जाल में ऐसे फंसाया
अधिकारियों ने बताया कि महिला को 18 जुलाई को उसके लैंडलाइन पर एक कॉल आया जिसमें कॉल करने
वालों ने खुद को टेलीकॉम कंपनी का अधिकारी बताया. बाद में, एक व्यक्ति ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताकर
उसे व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल किया. पीड़िता ने आरोप लगाया कि उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी है क्योंकि मुंबई में मेरे
नाम से चार बैंक खाते हैं, जिनका इस्तेमाल हवाला, मादक पदार्थों की तस्करी, ऑनलाइन जुए और पहलगाम हमले में शामिल आतंकवादियों को धन
मुहैया कराने में किया जा रहा है.
ट्रांसफर करा लिए 43 लाख से अधिक
पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, उसे बताया गया कि मुंबई के भायखला में उसके नाम से पंजीकृत एक मोबाइल नंबर का इस्तेमाल जुआ और ब्लैकमेलिंग जैसी अवैध गतिविधियों के लिए किया जा रहा है. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उससे वित्तीय विवरण साझा करने को कहा गया. साइबर क्राइम ब्रांच के एसएचओ रणजीत सिंह ने बताया कि सिक्योरिटी डिपॉजिट के बहाने और जांच के बाद पैसे लौटाने का वादा करके, साइबर अपराधियों ने महिला को उसकी सारी बचत ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया. आरटीजीएस के जरिए आठ ट्रांजेक्शन में महिला से ₹43.70 लाख की ठगी की गई.Leave a Reply
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