गाजियाबाद से 700 किलोमीटर साइकलिंग कर प्रयागराज पहुंचे पिता-पुत्री, लोगों के लिए दिया ये खास मैसेज
- Nownoida editor2
- 21 Feb, 2025
Ghaziabad: प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं में आस्था के अलग-अलग रूप दिखाई दे रहे हैं. प्रयागराज महाकुंभ में संगम में पवित्र स्नान करने के लिए गाजियाबाद के रहने वाले डॉक्टर उमेश पंत और उनकी 19 साल की बेटी उमंग पंत ने साइकिल पर ही गाजियाबाद से प्रयागराज का सफर तय किया और पवित्र संगम में डुबकी लगाई.
10 दिनों की यात्रा में गाजियाबाद से प्रयागराज और फिर वापसी
10 फरवरी को पिता और बेटी गाजियाबाद के वसुंधरा से रवाना हुए
थे 15 को महाकुंभ
पहुंचे और 19 फरवरी को वापस
गाजियाबाद आ गए. साइकिल पर गाजियाबाद से प्रयागराज की यात्रा करने में कुल 75000 का खर्च आया. पिता और बेटी ने हर दिन 130 किलोमीटर साइकिल चलाई. तीन-तीन घंटे
लगातार साइकिल चलाई और मंजिल तक पहुंचे.
साइकिल से प्रयागराज कुंभ पहुंचने के पीछे मकसद लोगों को स्वास्थ्य के प्रति
जागरूक करना था. गाजियाबाद से प्रयागराज की यात्रा के दौरान पिता पुत्री ने हजारों
लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया.
शुरुआत में दोनों का काफी कठिनाइयों का करना पड़ा सामना
शुरुआत में पिता पुत्री को प्रयागराज की यात्रा साइकिल पर काफी कठिन लग रही थी
लेकिन घर से निकलते ही चंद किलोमीटर चलने के बाद ही चुनौतियां खत्म होने लगी.
विभिन्न स्थानों पर लोगों ने पिता पुत्री का स्वागत सम्मान किया और हौसला बढ़ाया.
महाकुंभ जाने के लिए 25-25 हजार रुपए की दो साइकिल पिता पुत्री ने खरीदी थी.
डॉ. उमेश हर दिन चलाते हैं 30 किलोमीटर साइकिल
डॉ उमेश हर दिन 30 किलोमीटर साइकिल चलाते हैं और महीने में हजार किलोमीटर साइकलिंग का टारगेट रहता है जिसे वह बीते 7 सालों से पूरा करते आए हैं. उमेश का कहना है कि शरीर सबसे बड़ी धरोहर है इसे स्वस्थ रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.
प्रयागराज से साइकिल यात्रा कर लौटने के बाद उमेश पंत ने लोगों के साथ अपने
अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया किस तरह लोगों ने जगह-जगह उनका उत्साह बढ़ाया.
उन्होंने कहा कि साइकलिंग से सेहत तंदुरुस्त होता है, यह मैसेज लोगों को दिया. वहीं, उन्होंने इस यात्रा के साथ लोगों को यह भी बताया की गंभीर बीमारी में भी
होम्योपैथिक पद्धति से इलाज किया जा सकता हो जो काफी कारगर होता है.
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