धनतेरस, जिसे ‘धन त्रयोदशी’ भी कहा जाता है, दीपावली के पर्व का पहला दिन है। यह पर्व मुख्य रूप से धन, समृद्धि और स्वास्थ्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस दिन को विशेष रूप से व्यवसायियों और घरों में समृद्धि लाने का दिन माना जाता है। देश में आज धनतेरस मनाया जा रहा है। ज्योतिर्विद के मुताबिक, धन त्रयोदशी की तिथि 29 अक्टूबर यानी आज सुबह 10 बजकर 31 मिनट से शुरू होगी और समापन 30 अक्टूबर यानी कल दोपहर 1 बजकर 15 मिनट पर होगा। प्रदोष काल आज शाम 5 बजकर 38 मिनट से रात 8 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।
खरीदारी का मुहूर्तः सुबह 6 बजकर 31 मिनट से लेकर 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. दोपहर 11 बजकर 42 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक रहेगा. गोधूली बेला शाम 5 बजकर 38 मिनट से लेकर 6 बजकर 04 मिनट तक रहेगा।
महत्वः धनतेरस का पर्व मुख्यतः धन और स्वास्थ्य के प्रतीक भगवान धन्वंतरि के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। मान्यता है कि भगवान धन्वंतरि अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे और उन्होंने आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति का ज्ञान दिया। इस दिन लोग अपने घरों में बर्तन, सोना-चांदी और आभूषण खरीदते हैं, जिससे आर्थिक समृद्धि बढ़े।
पूजा विधिः धनतेरस के दिन, सुबह के समय स्नान करने के बाद घर के सभी सदस्य एकत्रित होते हैं। घर के आंगन में या पूजा स्थान पर एक चौकी सजाई जाती है, जिस पर भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा या चित्र रखा जाता है। फिर उनके साथ माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है। इस दिन विशेष रूप से दीपक जलाने और घर में रौशनी करने का महत्व है, जिससे सुख और समृद्धि का वास हो।
आभूषण खरीदने की परंपराः धनतेरस पर नए बर्तन, सोने-चांदी के आभूषण खरीदने की परंपरा प्राचीन समय से चली आ रही है। माना जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से वर्षभर धन का प्रवाह बना रहता है। लोग विशेष रूप से सोने और चांदी के सिक्के या आभूषण खरीदते हैं, जो उनके लिए शुभ माने जाते हैं।
1. स्नान और पूजा
- स्नान: सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। इसे पवित्रता का प्रतीक माना जाता है।
- पूजा: भगवान धन्वंतरि, लक्ष्मी माता और गणेश जी की पूजा करें। इस दिन विशेष रूप से दीपक जलाना और मिठाइयाँ चढ़ाना शुभ माना जाता है।
2. नए बर्तन और आभूषण खरीदें
- इस दिन नए बर्तन, चांदी या सोने के आभूषण खरीदना शुभ माना जाता है। इसे धन का आगमन मानते हैं।
3. दीप जलाएं
- घर में सभी स्थानों पर दीपक जलाएँ। यह सुख, समृद्धि और रौशनी का प्रतीक होता है।
4. धन का निवेश
- इस दिन कुछ धन का निवेश करना, जैसे कि म्यूचुअल फंड, सोने या किसी अन्य फंड में, भविष्य के लिए शुभ रहता है।
5. परिवार के साथ समय बिताएं
- इस दिन परिवार के सभी सदस्य एकत्रित होकर पूजा और उत्सव मनाएँ। यह रिश्तों को और मजबूत बनाता है।
6. दान और सेवा
- जरूरतमंदों को दान दें या सेवा करें। यह समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभाने का एक तरीका है।
7. स्वास्थ्य का ध्यान
- भगवान धन्वंतरि से स्वास्थ्य की प्रार्थना करें। इस दिन कुछ समय अपने स्वास्थ्य को सुधारने के लिए भी निकालें।
8. खास पकवान बनाएं
- घर में विशेष पकवान बनाएं और परिवार के साथ साझा करें। मिठाई और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन बनाना इस दिन की विशेषता है।
1. सोना और चाँदी
- सोने के आभूषण: जैसे कि अंगूठी, हार, कान की बालियाँ आदि।
- चाँदी के सामान: जैसे चाँदी की थाली, सिक्के या चाँदी के बर्तन।
2. बर्तन
- नए बर्तन खरीदना इस दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इसमें तांबे, पीतल या स्टेनलेस स्टील के बर्तन शामिल हो सकते हैं।
3. दीपक और मोमबत्तियाँ
- इस दिन दीप जलाने के लिए सुंदर दीपक या मोमबत्तियाँ खरीदना भी शुभ होता है।
4. गहने
- विभिन्न प्रकार के गहनों, जैसे ब्रेसलेट, चेन, या कंगन आदि की खरीदारी करना भी लाभकारी माना जाता है।
5. आभूषणों के लिए विशेष सिक्के
- देवी-देवताओं के चित्रित सिक्के या धार्मिक आभूषण भी खरीदने का प्रचलन है।
6. स्वास्थ्य से संबंधित वस्तुएँ
- आयुर्वेदिक औषधियाँ, स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद, या जड़ी-बूटियाँ भी खरीदने के लिए शुभ मानी जाती हैं।
7. धातु के सामान
- इस दिन किसी भी धातु के नए सामान खरीदने से भी धन का आगमन होता है।
8. घर के लिए सजावट की वस्तुएँ
- घर की सजावट के लिए कलात्मक सामान, जैसे दीवार की सजावट, फोटोग्राफ्स, या अन्य सजावटी वस्तुएँ भी खरीद सकते हैं।
धनतेरस पर की गई खरीदारी का महत्व केवल भौतिक वस्तुओं में नहीं है, बल्कि यह समृद्धि, खुशहाली और स्वास्थ्य के प्रतीक भी माने जाते हैं।