सुविधाओं खासकर रुपए का डिजिटल होना एक तरफ सुविधा देता है, तो दूसरी ओर धोखाधड़ी भी इसका एक पहलू है। नोएडा सेक्टर 36 में इन्वेस्टमेंट के नाम पर बीएसएफ के रिटायर्ड डीआईजी से 34 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई है।
व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए किया गया फ्रॉड
बीएसएफ के रिटायर्ड डीआईजी को डिजिटल अपराधियों ने अपना शिकार बनाया। मार्च और अप्रैल के महीने में इन्वेस्टमेंट के नाम पर 34 लाख जमा करा लिए। पीड़ित की पहचान बीएसएफ के रिटायर्ड डीआईजी पीके आनद के तौर पर हुई है। बीएसएफ रिटायर्ड डीआईजी को शेयर ट्रेडिंग व आईपीओ में इन्वेस्ट करने के नाम पर एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया था। जहां उन्हें इन्वेस्टमेंट के लिए मोटिवेट किया गया।
एक्सेस देकर बड़ी रकम के जाल में फंसाया
नोएडा एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन राय ने मीडिया को बताया कि जालसाजों ने बड़ी ही चालाकी के साथ इस घटनाक्रम को अंजाम दिया। अपराधियों ने पहले बीएसएफ रिटायर्ड डीआईजी को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा और वहां इन्वेस्टमेंट- फाइनेंस के जरिए लाखों-करोड़ों कमाने का लालच दिया। साथ ही शुरुआत में छोटी रकम निकालने का एक्सेस देकर लुभाया। लेकिन बड़ी रकम जमा करने के बाद वो जालसाजी की शिकार हो गए।
साइबर पुलिस कर रही पड़ताल
नोएडा एसीपी साइबर क्राइम विवेक रंजन राय ने बताया कि पीड़ित ने सेक्टर 36 साइबर क्राइम थाने में मुकदमा हुआ कराया था। जिसके बाद सेक्टर 36 साइबर क्राइम थाना पुलिस जांच में जुटी है। वो पीड़ित को पूरी रकम वापस दिलाने की कोशिश में लगे हुए हैं।