Noida: नोएडा में सोमवार को सफाई कर्मचारी ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। इस प्रदर्शन में ग्रेटर नोएडा, नोएडा, यमुना प्राधिकरण, जेवर, अलीगढ़ और टप्पल के कर्मचारी हिस्सा ले रहे हैं। इनकी मांग है कि ठेकेदारी प्रथा को खत्म किया जाए।
नोएडा में सफाई कर्मचारियों का ठेकेदारी प्रथा के खिलाफ प्रदर्शन
नोएडा के सेक्टर फेस 1 थाना क्षेत्र में दलित कर्मचारियों का प्रदर्शन जारी है। प्रेरणा स्थल पर सफाई कर्मचारियों नारेबाजी के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल लोग ठेकेदारी प्रथा से बुरी तरह नाराज हैं। इस प्रदर्शन में पुरुषों के साथ ही महिलाएं भी भारी मात्रा में हिस्सा ले रही हैं।
प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा
प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना है कि हर प्रशासन की तरफ से कर्मचारियों को समझाकर वापस भेज दिया जाता है। कर्मचारियों से ऊपर तक उनकी बात पहुंचाने की बात भी की जाती है। लेकिन ऐसा होता नहीं है। धरने में शामिल लोगों का कहना है कि इस बार चाहे मुख्यमंत्री आएं या प्रधानमंत्री, जब तक उनकी बात नहीं मानी जाएगी, वो प्रदर्शन करेंगे।
15 हजार लोगों के शामिल होने की आशंका!
धरने में मौजूदा समय में तमाम पुरुषों के साथ ही महिलाएं भी शामिल हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि इस धरने में ग्रेटर नोएडा, नोएडा, यमुना प्राधिकरण, जेवर, अलीगढ़ और टप्पल के कर्मचारी शामिल हैं। आवाहन के बाद इस धरने में 15 हजार की भीड़ जुटने की बात कही जा रही है।
धरने के चलते रोड पर बनी जाम की स्थिति
सफाई कर्मचारियों के विरोध प्रदर्शन के चलते रोड पर जाम की स्थिती बन गई है। मुसाफिरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल को भी तैनात किया गया है।
‘पीएम से गुहार ठेकेदारी प्रथा करें समाप्त’
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने बाबा साहब अंबेडकर के नाम के नारे लगाए। साथ ही कहा ‘प्रधानमंत्री से गुहार ठेकेदारी प्रथा करें समाप्त’ के भी नारे लगे। इसी दौरान सफाई कर्मचारी बबली ने Now Noida से बातचीत में कहा कि ‘प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि समान काम समान वेतन, हमारे पैर धो-धोकर, चरण धोने का काम करते हो, तो क्यों न ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर दें। ये हमारे और हमारे बच्चों के भविष्य की लड़ाई है’।
मांग पूरी होने पर ही रुकेगा प्रदर्शन
इसी के साथ ही सफाई कर्मचारी बबलू पारचा ने Now Noida से बातचीत में कहा कि ‘हर बार प्रदर्शन पर अधिकारी आश्वासन दे देते हैं कि आपकी बात को ऊपर तक पहुंचा देंगे, लेकिन ऐसा नहीं करते हैं। इस बार जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी, हम प्रदर्शन बंद नहीं करेंगे’।