Noida: शंभू बॉर्डर, जींद को खनौरी और सोनीपत के सिंघू बॉर्डर पर पर डटे संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसानों ने एक बार फिर दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया है। किसानों के जत्थे ने दिल्ली जाने की कोशिश की, लेकिन हरियाणा पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच टकराव की स्थिति बन गई, जिसमें आंसू गैस के गोले दागे गए. इस घटना में कई किसान घायल हो गए। इसे लेकर नोएडा में भारतीय किसान संगठन ने राष्ट्रपति के नाम एसीपी नोएडा सेकेंड स्वौया गोयल को ज्ञापन सौंपा।
“केंद्र के वादों को भी नहीं किया जा रहा लागू”
पिछले कुछ समय से अंबाला के शंभू बॉर्डर, जींद के खनौरी और सोनीपत के सिंघू पर संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की प्रमुख मांगे एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं। किसान 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं। भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र यादव का कहना है कि 13 महीने के आंदोलन के समाप्त होने पर जो वादे केंद्र सरकार ने किए थे, उन्हें लागू करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाया जा रहा है।
“किसानों के प्रति सरकार का रवैया ठीक नहीं”
पिछले 18 दिनों से आमरण अनशन बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत भी बहुत खराब हो रही है। वहीं पंजाब और हरियाणा सीमा के शंभू बॉर्डर से 101 किसानों के एक जत्थे ने शुक्रवार को दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया लेकिन उन्हें कुछ मीटर बाद ही बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया गया। हरियाणा पुलिस ने किसानों से आगे न बढ़ने को कहा और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला दिया। राजेंद्र यादव ने कहा कि सरकार का ये तानाशाही रवैया ठीक नहीं है। इस मौके पर गौरव यादव,गुड्डू शर्मा, अशोक कुमार, रहीसुद्दीन, विष्णु तिवारी, मुकेश, चेतन आदि मौजूद रहे।