न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में भी टीम इंडिया को हार का सामना करना है। टीम इंडिया को कीवी टीम ने 113 रनों की करारी हार का स्वाद चखाया। इस हार के साथ ही न्यूजीलैंड टीम ने कई रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया है। हार के बाद कप्तान रोहित ने कीवी टीम की तारीफ की और पिच को लेकर कहा कि यहां कुछ भी हो सकता था।
12 साल बाद घर पर टेस्ट सीरीज हारा भारत
भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने घर में 12 साल बाद कोई टेस्ट सीरीज हारी है। लेकिन कीवी टीम से हार के साथ ही घरेलू जमीन पर लगातार 17 टेस्ट सीरीज जीतने के बाद जीत का यह सिलसिला टूट गया। पिछली बार टीम इंडिया को 2012-13 में इंग्लैंड ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज में 2-1 से हराया था। उसके बाद भारत ने लगातार 18 सीरीज जीतीं। पहला टेस्ट जीतने के साथ ही न्यूजीलैंड ने 36 साल बाद भारत में कोई टेस्ट मैच जीता था। अब उसने पहली बार भारत में कोई टेस्ट सीरीज अपने नाम की है। भारत और न्यूजीलैंड के बीच पहला टेस्ट 1955 में खेला गया था और 69 साल के दोनों देशों के टेस्ट क्रिकेट इतिहास में पहली बार न्यूजीलैंड की टीम ने भारतीय सरजमीं पर टेस्ट सीरीज जीती है।
हार के बाद क्या बोले रोहित
पुणे टेस्ट में 113 रनों से शर्मनाक हार मिलने के बाद कप्तान रोहित ने इसे निराशाजनक बताया है। उन्होंने कहा कि ‘निराशाजनक… यह वह नहीं है जिसकी हमने अपेक्षा की थी। न्यूजीलैंड को श्रेय देना होगा। उन्होंने हमसे बेहतर खेला। हम कुछ खास मौकों का फायदा उठाने में नाकाम रहे। हम उन चुनौतियों का जवाब देने में विफल रहे। और हम आज यहां बैठे हैं। ऐसा नहीं लगा कि हमने इतनी अच्छी बल्लेबाजी की कि हम बोर्ड पर रन बना सकें। आपको जीतने के लिए 20 विकेट लेने होंगे, हां, लेकिन बल्लेबाजों को बोर्ड पर रन बनाने होंगे। उन्हें 250 के करीब रोकना एक बड़ी लड़ाई थी लेकिन हम जानते थे कि यह चुनौतीपूर्ण होने वाला था। जब उन्होंने शुरुआत की तो उनका स्कोर 200/3 था और हमारे लिए वापस आकर उन्हें 259 रन पर आउट करना एक बेहतरीन प्रयास था। यह ऐसी पिच नहीं थी जहां बहुत कुछ हो रहा हो। हमने अच्छी बल्लेबाजी नहीं की। अगर हम पहली पारी में थोड़ा करीब होते तो चीजें थोड़ी अलग होतीं।’
किसे बताया हार का जिम्मेदार
रोहित शर्मा ने हार के बाद किसी खिलाड़ी को हार का जिम्मेदार न बताते हुए इसे कोशिश बताया। उन्होंने कहा कि ‘हम वानखेड़े में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं और उस टेस्ट को जीतने की कोशिश करना चाहते हैं। यह सामूहिक विफलता है. मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो सिर्फ बल्लेबाजों या गेंदबाजों को दोष देगा। हम वानखेड़े में बेहतर इरादे, बेहतर विचार और बेहतर तरीकों के साथ सामने आएंगे’।