Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा हो गया। आगरा से नोएडा की तरफ जाने वाले रास्ते पर एक कैंटर ने दो कारों को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कार के परखच्चे उड़ गए। जिससे कार में सवार 8 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे में स्वर्गीय जगत गुरु कृपालु महराज की तीन बेटियां भी घायल हुई थीं. इलाज के दौरान एक बेटी की मौत हो गई। जगतगुरु कृपालु महाराज की बड़ी बेटी का शव 11:00 बजे तक वृंदावन पहुंचेगी अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शव लाखों अनुराई दर्शन करने के लिए वृंदावन पहुंचेंगे।
यमुना एक्सप्रेसवे पर हुआ था हादसा
जानकारी के मुताबिक, थाना दनकौर क्षेत्रान्तर्गत यमुना एक्सप्रेसवे पर 8 किलोमीटर के बोर्ड के पास कैंटर (यूपी 80 एफटी 5477) ने दो कार (यूपी 72 बीएक्स 7148) इनोवा हाय क्रॉस व (डीएल 7 सीवी 3044) टोयोटा केमरी को पीछे से टक्कर मार दी। दोनों कारें में वृंदावन से दिल्ली जा रही थीं. एक कार में स्वर्गीय जगत गुरु कृपालु महराज की तीन बेटियां विशाखा, श्यामा और कृष्ण त्रिपाठी सवार थीं. हादसे में आठ लोग घायल हुए थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को एंबुलेंस के द्वारा अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कैंटर की टक्कर से दोनों कारें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।
जगत गुरु की बड़ी बेटी की मौत
वहीं, दिल्ली के अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान जगत गुरु कृपालु महराज की की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा त्रिपाठी (75) की मौत हो गई है. जबकि श्यामा (69) और कृष्णा त्रिपाठी (67) का गंभीर रूप घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
सिंगापुर जाने के लिए जा रही थीं एयरपोर्ट
बता दें कि सेक्टर 10 द्वाराका नई दिल्ली की रहने वाली कृपालु महाराज की तीनों बेटियां वृंदावन से दिल्ली जा रही थीं. तीनों को दिल्ली से सिंगापुर के लिए फ्लाइट पकड़नी थी।
हादसे में ये भी हुए घायल
दीपक पुत्र यशपाल (35) व निवासी दिल्ली, हंसा पटेल (56 ), कश्मीरा पटेल (53) जानूका खडका (40) निवासी मथुरा और प्रतापगढ़ के संजय मलिक (57) घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है.
जगतगुरु के बाद काम काज संभालती थीं विशाखा
बता दें कि जगद्गुरु कृपालु महाराज के निधन के बाद सबसे बड़ी बेटी डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी वृंदावन के प्रेम मंदिर और प्रतापगढ़ के मनगढ़ मंदिर की अध्यक्ष थीं. मथुरा, बरसाना के कीर्ति महल मंदिर बनवाया और अध्यक्ष भी थी. कृपालु महाराज के बाद विशाखा त्रिपाठी सभी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान कार्यक्रम में भाग लेती थी और काम संभालती थी. विशाखा के निधन की सूचना मिलने के बाद वृंदावन में शोक की लहर है.