लोकसभा चुनाव में यूपी में मिली करारी हार के बाद एक बार फिर बीजेपी कार्यालय जश्न में सराबोर हो गया है. इस बार मौका है उपचुनावों में 9 में से 7 सीटों पर मिली जीत का जश्न मनाने का. देखा जाए तो लोकसभा चुनावों में पार्टी को मिली करारी हार के बाद सीएम योगी ने जून से ही उपचुनावों को लेकर जबरदस्त नींव बनानी शुरू की. जिसका परिणाम आज सबके सामने है. मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट जो कि सपा का गढ़ मानी जाती है. इस सीट पर बीजेपी की जबरदस्त जीत हुई है.
लोकसभा चुनावों की हार के बाद सीएम योगी ने कसी कमर
जून में उपचुनावों के ऐलान होने के पहले ही सीएम योगी ने ज्यादातर सीटों को कवर कर लिया था. केवल यही नहीं हर सीट को ध्यान में रखते हुए उस जिले से जुड़ी तमाम योजनाओं को रफ्तार दी गई. जुलाई आते-आते ये साफ हो गया था कि यूपी का उपचुनाव योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में ही भाजपा लड़ने वाली है. योगी आदित्यनाथ ही हर बैठक को लीड करने लगे. पिछले दिनों उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी प्रदेश सरकार के डिप्टी सीएम, जिलों के प्रभारी मंत्री और भाजपा संगठन के पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की. इस बैठक में उपचुनाव के मद्देनजर व्यापक विचार विमर्श और रणनीतियां तैयार की गईं. इतना ही नहीं इस बैठक में मुख्यमंत्री ने सभी 9 सीटों पर मंत्रियों और पदाधिकारियों की जिम्मेदारियां भी निर्धारित कीं. सीएम योगी ने मंत्रियों और पदाधिकारियों के बीच समन्वय पर सबसे ज्यादा जोर दिया. इस दौरान सीएम योगी ने साफ कहा कि पार्टी का कोई भी नेता अपने निर्धारित क्षेत्र में जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में कोई कमी न छोड़े. उपचुनाव जीतना केवल चुनावी सफलता नहीं, बल्कि जनता के विश्वास की जीत होगी. इसलिए हर सीट पर पूरी ताकत झोंकनी पड़ेगी.
सीएम ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को दिए निर्देश
सीएम योगी ने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को बूथ स्तर पर चुनाव प्रबंधन को मजबूती से संभालने के निर्देश दे दिए. इन निर्देशों में कहा गया कि बूथ स्तर पर सटीक प्रबंधन और निगरानी आवश्यक है. नेता अपने-अपने क्षेत्र में लोगों के बीच जाकर चौपाल लगाएं. जनता की समस्याओं को समझें, समाधान करें ताकि लोगों का विश्वास पार्टी में बढ़े. प्रभारी मंत्री और पदाधिकारी उन जिलों में अधिक समय बिताएं जहां पर उपचुनाव हो रहे हैं. लोगों से सीधा संवाद स्थापित करके उनकी समस्याओं को सुनें और त्वरित समाधान सुनिश्चित करें. जिलों के स्थानीय पदाधिकारियों के साथ तालमेल बनाकर चुनावी तैयारी करें.
हर जगह सुनाई दी ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की गूंज
पूरे चुनाव प्रचार पर गौर करें तो योगी आदित्यनाथ के बांग्लादेश के संदर्भ में दिए गए नारे ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की गूंज हर जगह सुनाई दी. जिस कुंदरकी सीट पर भाजपा ने सपा के खिलाफ एकतरफा जीत दर्ज की है. 8 नवंबर को योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम यूपी की तीन सीटों को टार्गेट कर रैली को संबोधित किया. सीएम ने तंज कसते हुए कहा कि जहां दिखे सपाई, वहां बिटिया घबराई. इशारों ही इशारों में सीएम योगी ने कह दिया कि लोकसभा चुनाव में खटाखट-खटाखट (कांग्रेस) की सहयोगी रही समाजवादी पार्टी को फटाफट-फटाफट सफाचट करना है. सीएम ने आमजन से अपील की कि हमारे प्रत्याशी को वोट दें, विकास व सुरक्षा का दायित्व हमारे ऊपर छोड़ दें.
आस्था से खिलवाड़ करने वाले लोग किसी के नहीं- योगी
योगी ने कहा कि हर-जाति समुदाय को खुशी से त्योहार मनाने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए. होली-दीवाली हर्षोल्लास से मनाई जाएगी तो ईद में भी बाधा पैदा नहीं होगी लेकिन ताली दोनों हाथ से बजती है. आस्था से खिलवाड़ करने वाले लोग किसी के नहीं होते हैं. कुंदरकी में सीएम ने कहा कि मुरादाबाद का ब्रास उद्योग 2017 के पहले दम तोड़ रहा था. हमने बैरियर हटा दिए हैं तो अब मुरादाबाद से 16 हजार करोड़ रुपये तक का एक्सपोर्ट होता है. इसमें सिर्फ हिंदू नहीं, बल्कि जिसके पास कला-हिम्मत है. वह हर कोई इससे जुड़ा है. इसके अलावा योगी आदित्यनाथ ने उपचुनाव को लेकर 5 दिनों में 13 रैली, दो रोड शो किए हैं. गाजियाबाद, खैर, मीरापुर, मझवां, फूलपुर की जीत बरकरार रखने के साथ अन्य सीटों पर कमल खिलाने के लिए योगी ने खूब पसीना बहाया.