आजकल अच्छी नौकरी पाने के लिए बेरोजगार युवा काफी प्रयास करते हैं. कुछ को अच्छी कंपनी में अच्छी सैलरी पर नौकरी मिल जाती है. वहीं कुछ ऐसे भी होते हैं जो कई बार रिजेक्ट होने के बाद निराश और हताश हो जाते हैं. वहीं अगर ऐसे में कोई इन युवाओं को नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठग ले, तो इन्हें पता भी ना चले. ऐसा ही एक मामला नोएडा में सामने आया है. जहां पीड़ितों की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सेक्टर-49 थाने की पुलिस ने नौकरी की चाह रखने वालों को ठगने वाली एक फेक जॉब कंसल्टेंसी सर्विसेज का भंडाफोड़ किया है. इस दौरान पुलिस ने चार महिलाओं समेत सात लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस को आरोपियों के पास से 11 मोबाइल, 5 नकली स्टाम्प, जाली ज्वाइनिंग लेटर, 3 रजिस्टर, 1 इंटरव्यू बुक और दो कार बरामद हुई है.
गिरोह ने करीब 2500 लोगों को ठगा
डीसीपी राम बदन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गिरोह बरौला और होशियारपुर इलाके में करीब डेढ़ साल से ऑफिस चला रहा था. गिरोह के लोग नौकरी चाहने वालों को ओप्पो और सैमसंग जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में नौकरी दिलाने का वादा करता था. उनसे पंजीकरण और फाइल प्रोसेसिंग शुल्क के तौर पर 2 हजार से 2500 रुपये तक ले लिया जाता था. हालांकि, पीड़ितों को कभी भी कोई नौकरी नहीं मिली. गिरोह ने अपनी धोखाधड़ी वाली सेवाओं का विज्ञापन करने के लिए पैम्फलेट, पोस्टर और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करता था. उन्होंने @AwarenessNews1, @waseempatrakar, @kavitaChau32946 और @ArunKum73160344 समेत कई सोशल मीडिया अकाउंट बनाए, जिनका इस्तेमाल वे रिफंड मांगने वाले पीड़ितों को धमकाने के लिए करते थे. गिरोह ने करीब 2500 लोगों को ठगा होगा.
नौकरी चाहने वालों की हताशा का उठाया फायदा
पुलिस ने बताया कि पकड़े गए लोगों की पहचान वसीम अहमद उर्फ कपिल भाटी उर्फ पीयूष भाटी, रोहित कुमार, रोहित चंदेला उर्फ राहुल भाटी, अनामिका राठौर, लक्ष्मी मिश्रा, शिखा कुशवाह और सबा के रूप में हुई है. गिरोह के सदस्यों के पास से 11 मोबाइल, 5 नकली स्टाम्प, 1 नकली आधार कार्ड, विभिन्न पंजीकरण और बायोडाटा फॉर्म, जाली ज्वाइनिंग लेटर, 3 रजिस्टर, 1 इंटरव्यू बुक, ऑफिस पैम्फलेट, रसीदें, 2840 रुपये नकद और दो कारें बरामद की है. वहीं आरोपियों की मानें तो उन्होंने नौकरी चाहने वालों की हताशा का फायदा उठाया, क्योंकि उन्हें पता था कि बहुत से लोग छोटी रकम के लिए कानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे. खासकर अगर उन्हें इसके लिए नोएडा जाना पड़े.