नोएडा के एक रिटायर्ड मेजर जनरल से करीब 37 लाख रुपए की डिजिटल ठगी का मामला सामने आया है। जिसमें अपराधियों ने रिटायर्ड मेजर जनरल को करीब 37 मिनट तक डिजिटल अरेस्ट किए रखा और उनसे 37 लाख 68 हजार रुपए ठग लिए। इस मामले में पीड़ित मेजर जनरल की शिकायत दर्ज कराने पर, पुलिस ने नोएडा साइबर क्राइम थाने में अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया है।
पहले किया डिजिटल अरेस्ट, फिर वसूलें लाखों रुपए
सहायक पुलिस आयुक्त साइबर श्री विवेक रंजन राय ने इस मामले में मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने जानकारी जानकारी देते हुए बताया कि उन्हें 11 मई को शाम साढ़े चार बजे के करीब पीड़ित के मोबाइल फोन पर अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने कहा कि वह मुंबई साइबर क्राइम से बोल रहा है और उनके नाम पर चार मई को एक कुरियर आया है, जिसमें आपत्तिजनक सामान है। आरोपी ने कहा कि कुरियर भेजने के लिए पीड़ित की आधार आइडी का प्रयोग किया गया है। उसने आधार से जुड़ा मोबाइल नंबर भी बताया। जिसके बाद पीड़ित को विश्वास हो गया। पीड़ित ने कॉलर से कहा कि उनका इस कुरियर से कोई लेना-देना नहीं है। इसके बाद उसने कॉल को साइबर क्राइम सेल में स्थानांतरित कर दी। मामला ड्रग्स तस्करी और मनी लांड्रिंग एक्ट का बताकर पीड़ित को डरा दिया।
जांच के नाम पर वसूली
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, साइबर ठगों ने एक राजनेता के बारे में पीड़ित को बताया कि वह मनी लांड्रिंग के मामले में जेल में हैं। उन्होंने एक फर्जी FIR भी दिखाई। ठगों ने जांच करने के लिए उन्हें मुंबई बुलाया। जिसके बाद पीड़ित ने दबाव में आकर दो बार में कुल 37,68,510 रुपये की रकम ट्रांसफर कर दिए। जानकारी के मुताबिक, ये कॉल 37 मिनट 45 सेकेंड तक जारी रही। जालसाजों ने जब पीड़ित पर और पैसे भेजने का दबाव बनाया, तो उन्हें ठगी की आशंका हुई। पैसे वापस मांगने पर जालसाजों ने पीड़ित से संपर्क तोड़ दिया।
एक्टिव हुए सुस्त पड़े नाइजीपियन गिरोह
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों से सुस्त पड़े नाइजीरियन गिरोह एक्टिव हो गए हैं। बीते दिनों एक बुजुर्ग महिला डॉक्टर से भी डिजिटल अरेस्ट कर 45 लाख रुपये की ठगी का मामला संज्ञान में आया था।
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट?
डिजिटल अरेस्ट में साइबर ठग द्वारा पीड़ित को फोन कर बताया जाता है कि उनका नाम का कोई पार्सल कस्टम विभाग को मिला है, जो विदेश से आया है और उसमें आपत्तिनजक सामान है। यह भी बताया जाता है कि आपके खिलाफ शिकायत मिली है या फिर मामला दर्ज किया जा रहा है।