Noida: छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक कोअसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज प्रेसिडेंट चुना गया है। हैदराबाद में एआईयू की 98वीं बैठक में इस सम्बन्ध में फैसला लिया गया है। तीन दिवसीय एआईयू के इस सालाना सम्मेलन में देश भर के विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद हिस्सा ले रहे हैं। प्रो पाठक को सर्वसम्मति से इस प्रतिष्ठित संघ के 103वें प्रेसिडेंट चुने गए हैं।
देश भर के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि हुए शामिल
भारतीय विश्वविद्यालय संघ भारत के विश्वविद्यालयों का दुनिया भर में प्रतिनिधित्व करता है, साथ ही सभी विश्वविद्यालयों की देश भर में एकमात्र सर्वोच्च संस्था है। प्रो पाठक पिछले वर्ष गुवाहाटी में हुई एआईयू की सालाना बैठक में वाइस प्रेसीडेंट चुने गए थे। तीन दिन के इस विशेष कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि के तौर पर तेलंगाना के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन, झारखंड के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल ने किया।
हैदराबाद में हुई बैठक
इस वर्ष भारतीय विश्वविद्यालय संघ की तीन दिवसीय 98वीं बैठक इस वर्ष 15 से 17 अप्रैल को हैदराबद में आयोजित की जा रही है। जिसमें देश भर के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों, शिक्षाविदों एवं प्रबुद्ध वर्ग के लोग शिरकत कर रहे हैं। राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन, एवं शिक्षा जगत की बड़ी हस्तियों ने इस सम्मेलन के पहले दिन सभी को सम्बोधित किया।
एआईयू के माध्यम से ये काम होते हैं
भारतीय विश्वविद्यालय संघ पूरे देश में विश्वविद्यालयों में बेहतर अकादमिक माहौल के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में विकास के लिए प्रतिबद्ध है। एआईयू के माध्यम से यूनिवर्सिटीज के मध्य सांस्कृतिक, अकादमिक,स्पोर्ट्स, शोध, अकादमिक गतिविधयों के उच्च स्तरीय कंपटीशिन आयोजित कराए जाते हैं। साथ ही यह संघ विश्वविद्यालयों के एक साथ मिलकर कार्य करने के लिए अवसर उपलब्ध कराता है। प्रो पाठक को प्रेसिडेंट चुने जाने पर देश भर के कुलपतियों, प्रोफेसर्स, विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों ने शुभकामनाएं प्रदान की है।
कानपुर के लिए गौरव का क्षण
प्रो. पाठक के भारतीय विश्वविद्यालय संघ के अध्यक्ष बनने पर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों ने खुशी जताई। विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी इसे लेकर पोस्ट किया। जिसमें उन्होने इसे कानपुर के लिए गौरव का क्षण बताया। एआईयू के अध्यक्ष चुने जाने के अवसर पर प्रो पाठक ने कहा कि विकसित भारत के विजन में विश्वविद्यालयों का योगदान सबसे अहम है। हमें इस प्रकार की संस्कृति विकसित करनी है कि भारतीय शिक्षा व्यवस्था पूरी दुनिया में अपनी अमिट छाप छोड सके। हमें तकनीक के साथ अपनी संस्कृति, गौरवमय इतिहास और बेहतर भविष्य के निर्माण का कार्य करना होगा।
1925 मं एआईयूकीहुई थी स्थापना
पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन और श्यामा प्रसाद मुखर्जी तक रहें है एआईयू के अध्यक्ष असोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) की स्थापना साल 1925 में की गयी थी। देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ. जाकिर हुसैन से लेकर जनसंघ के बड़े हस्ताक्षर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी भी इसके अध्यक्ष रह चुके हैं।