ग्रेटर नोएडा के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विकास को पंख मिल जाएंगे. जेवर एयरपोर्ट के कारण यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा एयर कार्गो हब बनने जा रहा है. जो कि यहां के उत्पादों को पूरी दुनिया तक पहुंचाने का काम करेगा. इसको लेकर यहां पर बड़े-बड़े कोल्ड स्टोरेज का भी निर्माण किया जा रहा है. इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के डिपो भी बन रहे हैं.
एयरपोर्ट के आसपास चौड़ी और मजबूत सड़कों बिछ रहा जाल
बता दें कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर विमानों का वैलिडेशन ट्रायल सफल होने के बाद अब जल्द ही यहां से उड़ानें शुरू करने की पुरजोर तैयारियां की जा रही हैं. एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू होने के बाद इस क्षेत्र से निर्यात होने वाला सारा सामान भी यहीं से विमान से जाएगा. नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से भी माल कार्गो के जरिए पहुंचाया जाएगा. इसी को ध्यान में रखकर एयरपोर्ट के आस-पास चौड़ी और मजबूत सड़कों का जाल बिछाने का काम किया जा रहा है. ताकि यहां आने वाले बड़े-बड़े ट्रकों को किसी तरह की असुविधा ना होने पाए और ये ट्रक आसानी से एयरपोर्ट तक पहुंच जाएं.
पहले चरण में 37 एकड़ में बन रहा कार्गो टर्मिनल
यमुना अथॉरिटी के सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट से आने वाले कार्गो में नोएडा और ग्रेटर नोएडा की करीब 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है. इनमें मोबाइल फोन और रेडीमेड गारमेंट्स, फल-सब्जियां और यहां बनने वाले कई दूसरे उत्पाद शामिल हैं. इसी बात को ध्यान में रखकर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर 80 एकड़ में विशाल कार्गो टर्मिनल का निर्माण किया जा रहा है. ये कार्गो टर्मिनल पहले चरण में 37 एकड़ में बन रहा है. जबकि इससे बड़ा 80 एकड़ में कार्गो टर्मिनल अभी तक नहीं बन सका है. शुरुआत में यहां से हर साल 2 लाख टन माल भेजा जा सकेगा.
गौतमबुद्ध नगर में 2 हजार से ज़्यादा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिटें
बता दें कि गौतमबुद्ध नगर में 2 हजार से ज़्यादा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिटें चल रही हैं. सैमसंग का सबसे बड़ा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट भी यहीं पर बना हुआ है. इसके साथ ही ओप्पो और वीवो के प्लांट का भी यहीं से उत्पादन हो रहा हैं. जल्द ही यहां पर 6 से ज़्यादा सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिटें की भी स्थापना होने वाली हैं. इसके अलावा तीन और बड़ी मोबाइल कंपनियों के प्लॉट यहीं पर बने हुए हैं. इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स और रक्षा उपकरण बनाने वाली कंपनियां भी यहां पर काम कर रही हैं