Greater West: ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर 1 में स्थित देविका गोल्ड होम्ज़ सोसाइटी के निवासियों ने मूलभूत सुविधाएं न मिलने के कारण ग्रेनो प्राधिकरण में मीटिंग हुई। लेकिन कोई समाधान नहीं होने पर नाराज निवासियों ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को नोटिस भेजा है। सोसाइटी निवासियों ने लिफ्ट सुचारू रूप से काम न करना, पार्क में पानी भरा होना, टावर में सीलन, बेसमेंट में कूड़ा जमा होना, बेसमेंट में पानी भरा होना, क्लब का खस्तल होना, मानचित्र में बदलाव आदि समस्याएं हैं, जो सांलों से हल नहीं हो रही हैं। सोसाइटी के लोगों का कहना है कि देविका सोसायटी लगभग 5 साल पुरानी है। लेकिन भवन, सुविधाएं और रखरखाव की स्थिति बद से बदतर हो गई है। इन समस्याओं को लेकर घर खरीदारों द्वारा प्राधिकरण कार्यालय सहित विभिन्न उपयुक्त प्रवर्तन प्राधिकरणों को कई बार शिकायत पत्र दिए गए थे।
मीटिंग में तय होने के बाद हल नहीं हुई समस्या
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में इस संदर्भ दिनांक 19 अक्टूबर 2023 से अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बिल्डर, डेवलपर्स के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई। मिनट्स ऑफ मीटिंग भी बना। प्राधिकरण की बैठक में मौजूदा मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की गई और जीएनआईडीए के कुछ महत्वपूर्ण अधिकारियों और डेवलपर्स द्वारा हल करने के लिए समय सीमा के साथ जिम्मेदारियां तय की गईं। इनमें से सभी ने अपने-अपने काम पूरा होने के बाद जीएनआईडीए और संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों को सूचित करते हुए समयसीमा का पालन करने पर सहमति व्यक्त की। लेकिन पीड़ित घर खरीदारों के लिए निराशा की बात यह रही कि अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, बिल्डर ने इन निर्देशों को दरकिनार कर दिया। पूरी तरह से ठंडी प्रतिक्रिया मिली।
बिल्डर घर खरीदारों को कर रहा परेशान
सोसाइटी निवासी दीपक दुबे ने बताया कि अधिकारियों और बिल्डर द्वारा फ्लैट निवासियों को जानबूझकर नजरअंदाज किया जाता है और पीड़ित घर खरीदारों को परेशान किया जाता है। अन्य उपायों का सहारा लेने के लिए मजबूर किया जाता है। वर्तमान में सोसाइटी की हालत जर्जर है और आपदा प्रतीक्षा कर रही है, कोई भी दुर्घटना हो सकती है। ऐसा होने पर जान-माल या दोनों का नुकसान हो सकता है। इस कानूनी नोटिस के साथ हम जीएनआईडीए से अनुरोध है कि वह हाल ही में निर्धारित जीएनआईडीए नीति के अनुसार तुरंत संरचनात्मक ऑडिट कराए, ताकि संपूर्ण परियोजना की संरचनात्मक मजबूती का पुनर्मूल्यांकन किया जा सके।
डेवलपर ने निवेशकों को फर्जी तरीकों से किया था आकर्षित
डेवलपर द्वारा परियोजना के शुभारंभ के समय इस परियोजना में निवेश करने के लिए अनजान घर खरीदारों को प्रेरित करने के लिए प्रकाशित ब्रोशर, स्वीकृत भवन और मानचित्र योजना और जमीन पर भौतिक निर्माण के बीच एक गंभीर विसंगति/उल्लंघन है। इन उल्लंघनों की गहन जांच की जानी चाहिए क्योंकि कैसे डेवलपर ने अत्यधिक खतरनाक और घटिया निर्माण पर CC/OC प्राप्त करने के लिए GNIDA को गुमराह किया, जिसके परिणामस्वरूप निर्दोष घर खरीदार जल्दबाजी में अपने परिवारों के साथ अधूरे प्रोजेक्ट में चले गए और इस भूखंड के लिए लीज डीड के सभी हितधारकों की मिलीभगत के कारण भविष्य में कोई उम्मीद नहीं बची।
बिल्डर ने पूरे नहीं किए अपने वादे
सोसाइटी निवासी के एडवोकेट केके सिंह ने बताया कि देविका गोल्ड होमस के फ्लैट बायर्स हमारे पास आए थे और हमने सोसाइटी जाकर भी देखा सोसाइटी में काफी खामियां हैं। बिल्डर ने फ्लैट बेचते समय जो फ्लैट खरीदारों से वादे किए थे, उनमें ज्यादातर वादे पूरे नहीं किए गए। जिसकी वजह से निवासी बहुत बुरी स्थिति में सोसाइटी में रहने के लिए मजबूर हैं। जिसके लिए हमने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को नोटिस भेज कर इस और उनका ध्यान आकर्षित करने के लिए कहा है। क्योंकि असल में मलिक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ही है।
12 साल बिल्डर और अथॉरिटी के चक्कर लगाने को मजबूर
नेफोमा अध्यक्ष अन्नू खान ने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट में ज्यादातर सोसाइटियों में यही हाल है और पिछले 12 वर्षों से सोसाइटी निवासी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और बिल्डर के ऑफिस के चक्कर लगाकर परेशान है। हर रविवार को अपनी मूलभूत सुविधाओं के लिए धरना प्रदर्शन करते हैं, जिसका नतीजा यह होता है की उल्टा पुलिस उनको ही शांति भंग का नोटिस भेज देती है। इस तरह कहीं सुनवाई नहीं होती और फ्लैट निवासी अपने आप को ठगा महसूस करते हैं। आखिर हम लोग जाए तो जाएं कहां।