चुनाव चाहें कोई भी हो हर वर्ग के लिए एक उत्सव की तरह ही होते हैं। एक तरफ जहां प्रत्याशियों के लिए जीत-हार का खेल होता है। तो वहीं मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रत्याशियों और पार्टियों की ओर से खान-पान के रूप में अवैध खर्चे भी किए जाते हैं लेकिन इस बार के लोकसभा चुनावों पर चुनाव आयोग अपनी पैनी नजर बनाए हुए है। इस बार के चुनावों में उम्मीदवारों को अपनी तय सीमा के अंदर ही अपने खर्च करने होंगे। जिसको लेकर जिला चुनाव पैनल ने खाने-पीने की चीजों की कीमतों को तय करना शुरू कर दिया है। क्षेत्र के आधार पर इनकी कीमतों को निर्धारित किया गया है।
मेन्यू कार्ड में प्रचार सामग्री को भी शामिल किया गया
मेन्यू कार्ड में महंगे बुनियादी ढांचे जैसे हेलीपैड, लक्जरी वाहन और फार्महाउस से लेकर फूल माला, गुलदस्ते, कूलर, टॉवर एसी, टोपी, झंडे और सोफा जैसी विविध वस्तुओं को शामिल किया गया है। मेन्यू कार्ड में प्रचार के लिए टाटा सफारी या स्कॉर्पियो से लेकर होंडा सिटी और जनता को रैली तक ले जाने के लिए बस और विभिन्न वाहनों के किराये लेने की दरों को निर्धारित किया गया है। मेन्यू कार्ड में प्रचार सामग्री को भी शामिल किया गया है।
गौतमबुद्ध नगर का चुनावी मेन्यू कार्ड
वहीं गौतमबुद्ध नगर के चुनावी मेन्यू कार्ड की बात करें तो यहां एक शाकाहारी थाली की दर 100 रुपये निर्धारित की गई है। इसके अलावा एक समोसा 10 रुपये, एक कप चाय 10 रुपये, कचौरी 15 रुपये, एक सैंडविच 25 रुपये और एक किलो जलेबी की कीमत 90 रुपये निर्धारित की गई है। मतलब अगर कोई प्रत्याशी मतदाताओं को लुभाने के लिए इसके ऊपर खर्च करता है। तो उसे चुनाव आयोग द्वारा की जाने वाली कार्रवाई हर्जाने के तौर पर भुगतनी पड़ेगी। अब देखना होगा कि सीमित दरों के मेन्यू कार्ड के अनुरूप चलते हुए प्रत्याशी कैसे अपनी जीत पक्की करते हैं।