Noida: विभिन्न मांगों को लेकर ग्रेटर नोएडा और यमुना प्राधिकरण पर हजारों किसान 2 दिसंबर को दिल्ली जा रहे थे। किसानों के दिल्ली कूच पर जिला प्रशासन और दिल्ली प्रशासन के हाथ पांव फूल गए थे। किसानों को दिल्ली बॉर्डर पर रोक लिया गया था। इसके बाद जिला प्रशासन के साथ लंबी वार्ता के बाद किसान दिल्ली कूच जाना तो स्थगित करते हुए सात दिन का अल्टीमेट दिया है। इसके बाद किसान दलित प्रेरणा स्थल के अन्दर धरने पर बैठे हैं। किसानों ने सड़क खाली दलित प्रेरणा स्थल पर ही सो रहे हैं। किसानों ने 7 दिन का जिला प्रशासन को समय दिया है। इसके साथ चेतावनी दी है कि मांगे नहीं हुई पूरी तो 9 दिसम्बर को दलित प्रेरणा स्थल से दिल्ली के लिए किसान कूच करेंगे।
जिला प्रशासन के आश्वासन पर दलित प्रेरणा स्थल में धरने पर बैठे
बता दें कि ज्यादातर किसान संगठन 12 बजे नोएडा के महामाया फ्लाईओवर पहुंचें और कुछ संगठन जिन्हें सुबह 9 बजे यमुना प्राधिकरण पर अपनी ट्रैक्टर ट्रालियों और गाड़ियों में सवार होकर यमुना प्राधिकरण से महामाया फ्लाईओवर 12 बजे तक पहुंचना था उन्हें पुलिस द्वारा जगह जगह रोके जाने और कई किसान नेताओं को हाउस अरेस्ट किए जाने के कारण वह दोपहर 2 बजे वहां से दिल्ली कूच में शामिल हो पाए थे। किसानों ने दलित प्रेरणा स्थल पर लगे बैरिकेटिंग को तोड़कर आगे चिल्ला बॉर्डर की कूच जारी रहा। लेकिन दूसरे बैरीकेडिंग पर अधिकारियों ने सरकार की ओर से मुख्य सचिव के साथ एक सप्ताह के अंतर्गत वार्ता कराकर 10% प्लॉट और नए कानून के लाभ दिलाने का ठोस आश्वासन दिया। जिसपर रोड पर बैठे किसानों ने दलित प्रेरणा स्थल पर धरना देने की बात मानी और साथ ही तय समय में मांगे पूरी नहीं होने पर चिल्ला बॉर्डर पार दिल्ली संसद भवन का घेराव करने की चेतावनी दी।
इन मांगों को लेकर किसानों का धरना जारी
10% प्लॉट, 64.7% मुआवजा तथा नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार बाजार दर का 4 गुना मुआवजा, 20% प्लॉट दिए जाने और भूमिधर, भूमिहीन किसानों के सभी बच्चों को रोजगार तथा पुनर्वास के सभी लाभ दिए जाने एवं आबादियों का निस्तारण किए जाने की मांग को लेकर किसानों द्वारा 25 नवम्बर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर विशाल किसान महापंचायत कर शुरू किए गए इस आन्दोलन में पहले 3 दिन ग्रेनो पर किसानों का महापड़ाव रहा तत्पश्चात आज तक 4 दिन यमुना प्राधिकरण पर महापड़ाव रहा।
मांगें पूरी कराकर ही लौटेंगे
मोर्चा की ओर से अधिकृत मीडिया टीम की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया है कि उक्त मांगों को लेकर एस.के.एम. में शामिल सभी दर्जनों किसान संगठनों ने मिलकर संकल्प लिया है कि अबकी बार आर पार का आन्दोलन है और वह किसानों की मांगें पूरी कराकर ही वापस लौटेंगे।