छुट्टी का दिन हो, एक ही छत के नीचे अलग-अलग जगहों के चटपटे जायके हो, तो भला स्वाद के शौकीनों के कदम रुकें भी तो कैसे? यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में शनिवार को अवकाश के चलते दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ी। विजिटर्स ने जमकर खरीदारी तो की ही, चटपटे जायके का भी लुत्फ उठाया। नोएडा, गाजीपुर, मथुरा, प्रयागराज, आगरा, अलीगढ़, मुरादाबाद, गाजियाबाद, गोरखपुर, कानपुर, बलिया, बनारस और लखनऊ के लजीज जायकों के स्टॉल पर ग्राहकों की लंबी लाइन लगी रही।
नोएडा की गुर्जरी थाली का क्रेज
यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन ग्रेटर नोएडा में हो रहा है। ऐसे में ट्रेड शो पहुंचने वाला हर दर्शक नोएडा की गुर्जरी थाली का स्वाद चखने से खुद को नहीं रोक पा रहा। इसकी खासियत इसे बाकियों से भिन्न बनाती है। स्टॉल संचालक अरुण भाटी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मोटे अनाजों के प्रयोग को प्रोत्साहित करते हैं। हमारी कोशिश है कि एक बार फिर मोटा अनाज लोगों की थाली में जगह पाए। गुर्जरी थाली मोटे अनाजों से बनी है। हम थाली में ज्वार, बाजरे की रोटी, सरसों का साग, दाल देते हैं। यहीं नहीं छाछ और कढ़ी चावल के भी दीवानों की संख्या कम नहीं हैं।
खुर्जा की खुरचन और लखनऊ की बिरयानी ने भीड़ को बांधा
यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में खुर्जा की खुरचन स्टॉल पर जायके के शौकीनों की लाइन लगी थी। दरअसल, खुरचन का स्वाद है ही ऐसा। स्टॉल संचालक ने बताया कि ट्रेड शो में इसे खूब पसंद किया जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर में खुर्जा की खुरचन वैसे भी बहुत प्रसिद्ध है। ट्रेड शो आने वाले विजिटर्स इसका स्वाद भी चख रहे हैं। वहीं, लखनऊ की बिरयानी का तो कहना ही क्या। स्टॉल के बाहर की लाइन देखकर तो यही कहा जा सकता था कि जैसे बिरयानी की खुशबू लोगों की खींच लायी हो। बुलंदशहर से आए आशीष यादव ने कहा कि लखनऊ की बिरयानी का स्वाद यहां भी वैसा ही था जैसा लखनऊ शहर में मिलता है, मसालों की खुशबू ने पिछले साल लखनऊ की यात्रा की याद दिला दी।
गाजीपुर की पालक पत्ता चाट और मथुरा के पेड़े
पालक पत्ता का चाट, ट्रेड शो में जिसने भी यह सुना उसके कदम खुद ब खुद गाजीपुर के स्टॉल की तरफ बढ़ चले। कुरकुरे पालक के पत्तों पर चटपटे मसालों के साथ बनी चाट खाकर दर्शक खुद को तारीफ करने से नहीं रोक पाए। इसमें खट्टी-मीठी चटनी का ऐसा मिश्रण था कि एक बार खाने पर लोग इसे बार-बार मांग रहे थे। चटपटे के साथ ही मिठाई पसंद करने वालों के लिए भी कई स्टॉल थे। मथुरा के पेड़े दर्शकों ने खूब खरीदे। मथुरा के पेड़े की मिठास कुछ ऐसी थी कि ग्राहक पैक कराकर घर भी ले जा रहे थे।
प्रयागराज की दही जलेबी और आगरा का पंछी पेठा
प्रयागराज के स्टॉल पर दही जलेबी, दही इमरती और कुल्हड़ लस्सी बिक रही थी। स्टॉल संचालक राजकुमार ने बताया कि जलेबी और इमरती तो राजधानी दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में मिल जाती है लेकिन दही के साथ जलेबी का स्वाद तो प्रयागराज में ही मिलता है। दही संग जलेबी चखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं। इसका स्वाद ग्राहकों को पसंद भी आ रहा है। इसी तरह, आगरा का पंछी पेठा तो पूरे भारत में मशहूर है। पेठे की मिठास और उसकी अलग-अलग वैरायटी ट्रेड शो भी ग्राहकों का ध्यान खींच रही है।
गोरखपुर के छोले समोसे और गाजियाबाद की टिल्ला कुल्फी
गोरखपुर के छोले समोसे अपने चटपटे और मसालेदार स्वाद के लिए जाने जाते हैं और ट्रेड शो में इसका जादू बरकरार है। छोले और समोसे का यह संगम ग्राहकों को खूब पसंद आया। मेरठ की अंकिता ने कहा कि समोसे तो पहले भी खाए हैं लेकिन छोले के साथ खाने का मजा ही कुछ और है। गाढ़े दूध की बनी गाजियाबाद की ठंडी और मलाईदार टिल्ला कुल्फी भी ग्राहकों को पसंद आयी। स्वाद के शौकीन इसे बार-बार खरीदने के लिए स्टॉल पर आ रहे थे। गाजियाबाद के विनय शर्मा ने बताया कि बहुत दिन बाद कुल्फी खायी। बचपन की यादें ताजा हो गईं। वहीं बलिया स्टॉल के संचालक धर्मेंद्र ने बताया कि लिट्टी चोखा का क्रेज यहां भी बरकरार है। मोदीनगर की जैन शिकंजी स्टॉल के संचालक राहुल की मानें तो शिकंजी की बिक्री खूब हो रही है। 10 रुपये के बोतल में भी शिकंजी बेची जा रही है। 70 रुपये में बिक रही इको थाली खरीदने के लिए भी ग्राहकों की लंबी लाइन दिखी।