दीपावली रोशनी का पर्व है, लेकिन हर साल दीपावली पर तमाम अप्रिय आगजनी की खबरें सामने आती हैं। हर तरह से लोग दीपावली को सुरक्षित तरह से मनाएं, इसलिए पुलिस कमिश्नर गौतमबुद्धनगर लक्ष्मी सिंह के निर्देश पर सीएफओ प्रदीप कुमार की अगुवाई में विशेष जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें उन्होंने लोगों को सुरक्षा को लेकर क्या ध्यान रखना चाहिए से लेकर क्या लापरवाही न करें, इस सब के बारे में बताया है।
बीते साल हुईं 34 दुर्घटनाएं, दमकल विभाग ने कस ली कमर
दमकल विभाग के अधिकारी प्रदीप कुमार चौबे ने दीपावली से पहले एक वीडियो संदेश जारी किया है। जिसमें उन्होंने बताया कि बीते साल दीपावली के मौके पर प्रदेश में 34 दुर्घटनाएं सामने आईं थी। जिसके चलते इस बार दमकल विभाग पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने लोगों को ध्यान रखने वाली बातों, लापरवाही, आगजनी और दुर्घटना पर क्या करना चाहिए ये बताया है।
देखिए प्रदीप कुमार ने क्या कहा?
सुरक्षित रहने के लिए ध्यान दें ये बातें
- दीपक में उतना ही घी या तेल भरें जो आपके रहते हुए पूर्ण रूप से जल जाये।
- त्यौहार के अवसर पर बच्चों को घर के बाहर या सुरक्षित स्थान पर ही ग्रीन पटाखों को सावधानीपूर्वक छुड़ायें।
- दुकान, कार्यालय या कारखानों को बन्द करते समय विद्युत मैन स्विच को अवश्य बन्द कर दें।
- रात्रि में सोने से पहले गैस, पीएनजी का वाल्ब बन्द कर दें।
- आग लगने की सूचना अपनी सोसायटी, कार्यालय के सिक्यूरिटी रूम, गार्ड को भी अवश्य दें।
- सभी हाईराइज भवन, कार्यालय, कारखाना संचालक अपने भवन में लगे फायर सिस्टम को सदैव ऑटो मोड में रखें।
- दीया, मोमबत्ती सुरक्षित स्थान पर ही जलायें या लगायें।
दीपावली पर क्या नहीं करना चाहिए
- अवैध आतिशबाजी की बिक्री न करें।
- दुकान में हैलोजन लाइट का प्रयोग न करें।
- लक्ष्मी पूजन के स्थान अवैध आतिशबाजी की बिक्री न करें।
- दुकान में हैलोजन लाइट का प्रयोग न करें।
- लक्ष्मी पूजन के स्थान के निकट ज्वलनशील पदार्थ जैसे परदा बिस्तर कपड़े आदि न रखें।
- बिजली झालर आदि बिजली के बोर्ड पर अत्यधिक भार न दें।
- दीपावली के अवसर पर बालकनी में कपड़े इत्यादि ज्वलनशील पदार्थ न रखें।
- नकली या अवैध पटाखा न चलायें, यह आपके लिए घातक हो सकता है।
- बच्चों को अकेला पटाखा इत्यादि न चलाने दें।
आग लगने क्या करें
अगर किसी के कपड़ों में आग लग जाएं, तो वो भागे नहीं, रुक जाएं, झुक जाएं और लेट के रोल हों। आग लगने की स्थिति में तत्काल 112 पर कॉल करें।