Greater Noida: यमुना प्राधिकरण की 79वीं बैठक सोमवार को संपन्न हुई। जिसमें चेयरमैन अनिल सागर, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन एनजी रवि, नोएडा प्राधिकरण के ACEO सतीश पाल के अलावा हाथरस, अलीगढ़, मथुरा के एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट ने हिस्सा लिया। यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरूणवीर सिंह ने बताया कि पिछले साल की तुलना में इस वीत्तीय वर्ष में 285.61 करोड़ रुपये अधिक रहा। पिछले वित्तीय वर्ष में प्राधिकरण को कुल 1784 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। जबकि साल 2023-24 में कुल 5107 करोड़ 75 लाख रुपये का राजस्व प्राधिकरण ने हासिल किया है।
किसानों को लेकर फैसले
डॉ अरूणवीर सिंह ने बताया कि जिन किसानों ने साल 2014 के बाद जमीन खरीदी है, चाहे वो बाहर के लोग ही क्यों ना हों, उन सभी को 7 प्रतिशत का प्लाट दिया जाता था। लेकिन प्राधिकरण के स्थापना से पहले से जिनका नाम था उनको लाभ नहीं दिया जाता था। लेकिन अब 24 अप्रैल 2001 से पहले भी जिनका नाम खतौनी में है, उन्हें अब 7 प्रतिशत प्लाट का लाभ दिया जाएगा। सीईओ ने बताया पहले मूल किसान लाभ से वंचित रह जाते थे, लेकिन अब उन्हें भी प्राधिकरण लाभ देने जा रहा है।
इंटरचेंज से प्रभावित किसानों को मिलेगा प्लाट
यमुना एक्सप्रेस-वे और इस्टर्न पैरीफैरल एक्सप्रेस-वे पर ट्रैफिक की समस्या को खत्म करने के लिए जंक्शन बिन्दू पर 4 लूप, 4 रैंप के साथ 4 अतिरिक्त रैंप बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। यमुना एक्सप्रेस-वे से ईस्टर्न पैरीफेरल के रास्ते से कुंडली, सोनीपत, मेरठ, मानेसर जाने के लिए इंटरचेंज का निर्माण किया जाना है। इंटरचेंज वाले रास्ते पर आने वाले जगनपुर और अफजलपुर के किसानों के लिए प्लाट देने का फैसला लिया गया है। प्रभावित किसानों को 7 प्रतिशत भूखंड दिये जाने का फैसला लिया गया है। डॉ अरूणवीर सिंह ने बताया कि इसमें करीब 360 किसान प्रभावित हुए हैं, जिन्हें प्राधिकरण ने प्लाट देने का फैसला लिया है।
हेरीटेज कॉरिडोर के लिए सहमति
राया हेरीटेज कॉरिडोर के डीपीआर को प्राधिकरण ने सहमति दे दी है। ये कॉरिडोर 753 एकड़ पर 1220 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होना है। इसके अलावा यमुना प्राधिकरण के चार प्रशासनिक कार्यालय और चार जोनल कार्यालय के अलावा स्टॉप हाउसिंग को बनाए जाने की भी प्राधिकरण ने सहमति दे दी है। साथ ही 2041 का यमुना प्राधिकरण का मास्टर प्लान भी अप्रूव हो गया है। मास्टर प्लान में 1 हजार 50 हेक्टेयर जमीन को जोड़ दिया गया है। इसके अलावा जीरो पीरियड की सुविधा पहले ग्रुप हाउसिंग, औद्योगिक और संस्थागत को दिया गया था, अब इसका फायदा आवासीय प्लाट में भी मिलने जा रहा है।
मेंटिनेंस डीविजन बनाए जाने का फैसला
प्राधिकरण ने एक मेंटिनेंस डिविजन बनाए जाने का फैसला लिया है। डॉ अरूणवीर सिंह ने बताया कि पुराने सेक्टरों में मेंटिनेंस का काम अब मेंटिनेंस विभाग देखने जा रहा है। इसमें नए अधिकारियों की तैनाती की जाएगी, जो सेक्टरों में होने वाले मेंटिनेंस के काम को देखेंगे। इसके अलावा औद्योगिक सेक्टर में ग्रीन बेल्ट की सुविधा उद्यमियों को दी जाएगी। इसके लिए प्राधिकरण नई डीड भी बनाएगा।