आस्था के महाकुंभ से पहले ही साधु- संतों का मेला क्षेत्र में आना आरंभ हो गया है. वहीं दूसरी ओर इस बार के महाकुंभ के दौरान घर वापसी को लेकर बड़ा महाअभियान चलाया जा रहा है. इसके अलावा देश में हो रही घटनाओं को लेकर महाकुंभ में मौजूद जगद्गुरु राम भद्राचार्य से नाऊ नोएडा ने की बातचीत-
“251 कुंडी हनुमान महायज्ञ का होगा आयोजन”
जगद्गुरु राम भद्राचार्य ने कहा कि पूज्य गुरुदेव का यह संकल्प है कि पाक अधिकृत कश्मीर हमें प्राप्त होना चाहिए. पीओके हमें प्राप्त होना चाहिए. पीओके भारत माता के मस्तक के स्थान पर है. यदि भारत की कल्पना एक भारत माता के स्वरूप में करते हैं. तो वह स्थान मां भारती के मुकुट के स्थान पर है. तो यह कोई भी सच्चा भारतीय इसे स्वीकार नहीं कर सकता है, कि हमारे भू-भाग को हमारा पड़ोसी देश, जिसका मैंने एक प्रकार से जन्म ही भारत से ही अलग होकर हुआ है. वह हमारे किसी भू-भाग पर अनाधिकृत रूप से कब्जा करके रखे. तो उसी की प्राप्ति के लिए हमारी केंद्र सरकार में केंद्र का जो नेतृत्व कर रहे हैं. उन सभी लोगों के भीतर भगवान ऐसी ऊर्जा दें. ऐसा मानस पटल करें. सबका उसी उद्देश्य के साथ श्री हनुमान जी महाराज की प्रसन्नता के लिए यहां पर 251 कुंडी हनुमान महायज्ञ का आयोजन हो रहा है. यहां पर एक करोड़ 51 लाख से अधिक आहुतियां हनुमान जी महाराज को समर्पित की जाएंगी और कहा गया है “कवन सो काज कठिन जग माही जो नहीं होय तात तुम पाही” मतलब कि ऐसा कोई कार्य नहीं कार्य ही नहीं है. जो हनुमान जी महाराज नहीं कर सकते हैं. जब वो लंका में जाकर के रावण की सोने की लंका भस्मी भूत कर सकते हैं और वहां से हरी हुई जानकी जी को वापस ला सकते हैं. तो पाक अकृत कश्मीर प्राप्ति कोई बहुत बड़ी बात नहीं है.
“अगर हिंदू धर्म में आस्था, तो मुस्लिम बनके क्यों आ रहे”
जगद्गुरु राम भद्राचार्य का कहना है कि मैं कहता हूं कि अगर उनकी हिंदू धर्म में आस्था है तो मुस्लिम बन के क्यों आना चाहते हैं. अभी तो तीन चार दिन का समय है वो बन जाए सनातन में वापसी कर जाए. उनको यदि इतना प्रेम है क्योंकि पूर्व में तो भी हिंदू ही थे. तो यदि उनको अपनी पुरातन संस्कृति पर इतना प्रेम है. तो हिंदू के हिंदू बन कर के घर वापसी करके, सनातनी बनके, नए नाम, नए परिचय, नए गोत्र के साथ आएं. यहां पर पूजन करें, यदि उनकी आस्था है. क्या हम मूर्ति पूजा में विश्वास रखते हैं और वह तो भूत परस्ती की बात करते हैं. तो जब हमारा उनका कहीं से कोई तालमेल नहीं. हम गंगा जी स्नान करते हैं. तो गंगा जी के स्नान के समय पंडा यहां पर हमसे नाम गोत्र का संकल्प कराते हैं. वो कौन सा नाम गोत्र का संकल्प करेंगे. तो सीधी सी बात है कि आपका कोई कहीं से दूर दराज तक हमारा कोई संबंध नहीं है. ये 144 वर्ष बाद ऐसा योग आया है. हम तो कभी नहीं कहते कि हमें मक्का मदीना की यात्रा में लेकर चलो. हमें अजमेर शरीफ की यात्रा में लेकर चलो. हम तो कोई इंटरेस्टेड नहीं होते तो जहां पर हमने देखा कोरोना काल में और पिछले दिनों कितनी घटनाएं आई कि सब्जियों पर थूकना, फलों पर थूकना और शादी विवाह में हमारे बर्तनों पर थूकना जो भोजन बना रहे हैं. उस भोजन में थूकना. ऐसी घटनाएं हुई हैं. तो ऐसा हम कैसे विश्वास करें कि इस पवित्र पर्व में जहां लोग आकर के इतने शीत में बिना कपड़े के बैठकर, तीन बार गंगाजी में डुबकी लगाकर अनुष्ठान करेंगे. वहां कोई उनके ऊपर थूक कर या उनको अपवित्र कर सकता है. तो मेरा तो ऐसा मत है कि उनको भी ऐसा हट नहीं रखना चाहिए. यदि उनका इतना प्रेम इतनी आस्था और इतना उनका उल्लास हो रहे हैं. आनंदित हो रहे हैं, कुंभ में आने के लिए उनकी इतनी भावना है. तो उनको घर वापसी करके सनातनी बनकर जो उनके पूर्वज जिस स्वरूप से सेवा करते रहे, कुंभ में आते रहे. उसी प्रकार हिंदू बनकर आए और गोते लगाए खूब आनंद लें, पुण्य कमाएं.
“14 तारीख को हम अपना पहला अमृत स्नान करेंगे”
जगद्गुरु राम भद्राचार्य ने बताया कि बैरागी परंपरा के त्यागी तपस्वी मंडलेश्वर महामंडलेश्वर आचार्य सभी कल नगर में कुंभ के नगर में प्रवेश करेंगे और पूज्य पाद जगतगुरु जी के नेतृत्व में श्री हनुमान जी महाराज के आशीर्वाद से हनुमान जी महाराज की छत्रछाया में पूज्य पाद जगतगुरु जी की के नेतृत्व में कल यहां पर सब प्रवेश करेंगे. कल गुरुदेव का भी महाराष्ट्र से यहां पर लगभग 10 बजे आगमन होगा और 10 बजे फिर केपी कॉलेज से यात्रा आरंभ होगी और फिर अपने अपने शिविर में आकर यहां पर भी जगतगुरु रामानंद आचार्य शिविर जो हमारे आद्य आचार्य चरण की कृपा से यहां पर लग रहा है. लगभग 400 कमरे जो देश दुनिया से आने वाले भक्त हैं. जो इतनी लंबी प्रतीक्षा करते हैं. कुंभ की सबके मन में भावना रहती है कि अब तो 12 वर्ष बाद महाकुंभ में नहाने का अवसर मिलेगा. किसका जीवन रहे ना रहे. मां गंगा का आशीर्वाद त्रिवेणी के समृत में योग का लाभ लेने के लिए अक्षयवट के दर्शन के लिए पधार रहे हैं. उन सब की व्यवस्था की गई तो कल जगतगुरु रामानंदाचार्य शिविर में ध्वजारोहण है. 14 तारीख को जहां हम पहला अपना अमृत स्नान करेंगे. उसके साथ ही गुरुदेव का 76 वां जन्मोत्सव और उनका जन्मोत्सव मनाएंगे. 15 तारीख से हमारे श्री हनुमान महायज्ञ का भी आरंभ होगा और गुरुदेव की श्री राम कथा का आरंभ होगा. इस प्रकार का क्रम है. प्रतिदिन लगभग 25 से हजार से अधिक लोगों को यहां पर भोजन कराया जाएगा. यहां पर अनुष्ठान करने वाले हजारों ब्राह्मणों की आवास की व्यवस्था, भोजन की व्यवस्था, भक्तों के भोजन की आवास की अनुष्ठान की सारी व्यवस्थाएं यहां पर की जा रही है.