22 जुलाई से कांवड़ यात्रा शुरू होने वाली है. जिसकी तैयारियों की समीक्षा को लेकर मुख्य सचिव मनोज कुमार मेरठ पहुंचे. जहां उन्होंने कार्यवाहक DGP प्रशांत कुमार के साथ मिलकर उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और यूपी के अफसरों के साथ बैठक की है. इस बैठक में 22 जुलाई से शुरू होने वाली यात्रा को सभी राज्यों द्वारा मिलकर कांवड़ रूट को नो एक्सीडेंट जोन बनाए जाने पर चर्चा की गई. प्रशासन को आशंका है इस बार पांच करोड़ कांवड़िए हरिद्वार और गोमुख से जल उठाएंगे. वहीं इस बार उत्तराखंड से यूपी तक आठ कंट्रोल रूम बनाए जायेंगे, जो सभी सीसीटीवी और ड्रोन कैमरे से निगरानी करेंगे.
12 फीट ऊंची कांवड़ ले जाने पर बैन
दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान हर राज्य के बॉर्डर पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था रहेगी. डॉग स्क्वायड, बम निरोधक दस्ता, IB, इंटेलिजेंस, LIU की टीम भी एक्टिव रहेगी. पूरी कांवड़ यात्रा को 5 जोन में बांटकर हर पांच किलोमीटर पर पुलिस का चेकपोस्ट होगा. हर चेकपोस्ट पर 20 पुलिसकर्मियों तैनात होंगे. साथ ही हेल्थ कैंप भी होगा वही पर खोया-पाया शिविर भी लगाया जाएगा. कांवड़ कैंप सड़क से हटाकर लगवाए जायेंगे. वहीं इस बार यात्रा में 12 फीट से ऊंची कांवड़ ले जाने पर बैन लगाया गया है. यही नहीं, कांवड़िए अपने साथ भाले, त्रिशूल या किसी प्रकार का हथियार लेकर नहीं चल सकेंगे. बॉर्डर पर ही कांवड़ियों की चेकिंग होगी और ID कार्ड भी चेक किया जाएगा. इसके बाद कांवड़ रूट पर प्रवेश मिलेगा.
22 जुलाई से हाईवे भारी वाहनों के लिए बंद
पश्चिमी यूपी में कांवड़ का ज्यादा जोर रहता है इसलिए 22 जुलाई से हाईवे भारी वाहनों के लिए बंद कर दिए जाएंगे. दिल्ली एक्सप्रेस-वे, दिल्ली-देहरादून हाईवे पर भी गाजियाबाद से इन रास्तों पर प्रवेश नहीं कर पाएंगे. यह व्यवस्था 5 अगस्त रात तक लागू रहेगी. चौ. चरण सिंह कांवड़ मार्ग पर 21 जुलाई की रात 12 बजे से भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह से बंद हो जाएगा. वही 25 जुलाई से वन-वे व्यवस्था सख्ती से लागू की जाएगी और 27 जुलाई से हल्के वाहनों का आवागमन भी बंद कर दिया जाएगा. वहीं ADG मेरठ जोन ध्रुवकांत ठाकुर ने बताया कि कांवड़ रूट के सभी 12 जिलों का एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया जाएगा. जिसमें हरिद्वार से हर घंटे निकलने वाले शिवभक्तों की जानकारी न केवल साझा की जाएगी, बल्कि कांवड़ यात्रा के रास्तों की पर CCTV कैमरा और ड्रोन से निगरानी भी की जाएगी.