किसान सभा द्वारा हाई पावर कमेटी की समीक्षा बैठक बुधवार को जैतपुर कार्यालय में की गई। जहां पर जिला कमेटी के सभी सदस्य शामिल हुए। इस बैठक में 10 प्रतिशत भूमि से लेकर तमाम सिफारिशों पर बात हुई। साथ ही कहा गया कि एक तरफ योगी सरकार किसान हितैषी होने की बात कह रही, दूसरी तरफ प्राधिकरण के डर से फैसला नहीं कर रही। बैठक में 31 दिसंबर तक फैसला कराने को लेकर हुंकार भरी गई।
सिफारिशों पर हुई पूरी बात
काफी चर्चा के बाद किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि कमेटी ने भूमिहीनों की दुकानों के संबंध में वेंडिंग जोन में 40% आरक्षण की सिफारिश की है। आबादियों के समयबद्ध निस्तारण की सिफारिश की है। सीधी खरीद से वंचित किसानों को 64% अतिरिक्त मुआवजा देने की सिफारिश की है। कमेटी ने हर गांव में पेरीफेरल बाउंड्री का निर्धारण कर आबादियों का हमेशा के लिए पूरी तरह निस्तारण करने की भी सिफारिश की है, कमेटी ने शिफ्टिंग के मामलों में भी तुरंत लीजबैक किए जाने की सिफारिश की है।
जिला अध्यक्ष डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि रोजगार और ग्रामीण विकास के बारे में कमेटी ने दो समितियां बनाने की सिफारिश की है, किसान सभा की तिलपता बायपास और बादलपुर रोड बनाने के संबंध में भी सिफारिश करते हुए कहा है की दोनों रोड तुरंत बनाई जाए। नए कानून और 10% के संबंध में कमेटी ने कोई सिफारिश नहीं की है, दोनों मुद्दे अति महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। सिफारिश नहीं किए जाने से किसानों में भारी रोष है।
‘10% प्लाट ने देकर किया किसान विरोधी काम’
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने संबोधित करते हुए कहा कि पूरे जिले में 10% प्लाट का मुद्दा 3:50 लाख किसानों से संबंधित है। इसी तरह नए कानून को लागू करने का मुद्दा गौतम बुद्ध नगर के सभी किसानों सहित प्रदेश के अन्य किसानों से भी संबंधित है कमेटी ने प्राधिकरणों के दबाव में 10% प्लाट एवं नए कानून पर सिफारिश नहीं देकर किसान विरोधी कार्य किया है। किसान सभा कमेटी के उक्त दोनों महत्वपूर्ण मुद्दों पर सिफारिश नहीं देने एवं विपरीत टिप्पणी करने पर निंदा करती हैं।
‘योगी सरकार प्राधिकरण के दवाब में’
किसान सभा के जिला सचिव निशांत रावल ने कहा कि ठाकुर जयवीर सिंह की सिफारिश से 10 परसेंट के संबंध में पहले से स्पष्ट हैं सरकार को ठाकुर जयवीर सिंह की सिफारिश को तुरंत अनुमोदित करना चाहिए। इसी के साथ ही किसान सभा के महासचिव जगदीश नंबरदार ने कहा कि 10% के मुद्दे पर प्राधिकरण स्तर से प्रस्ताव पास होकर शासन के अनुमोदन के लिए लंबित है। शासन को प्राधिकरणों के नाजायज दबाव में नहीं आना चाहिए और किसानों के हक में फैसला लेना चाहिए । योगी सरकार एक तरफ किसान हितैषी होने का दावा करती है। वहीं, दूसरी तरफ प्राधिकरण के दबाव में आकर किसानों के पक्ष में फैसला लेने से डर रही है।
31 दिसंबर तक सरकार से फैसला कराने की भरी हुंकार
शिशांत भाटी ने कहा कि हमारी लड़ाई आर पार की है। संयुक्त किसान मोर्चा के संगठनों की 6 नवंबर को बैठकर पूरे जिले में आंदोलन की घोषणा की जाने की पूरी संभावना है। आज की समीक्षा बैठक में भोजराज रावल सुशील सुनपुरि यतेंद्र भाटी सतीश गोस्वामी सूले यादव सतीश यादव बुधपाल यादव मुकुल यादव सुरेश यादव हृदेश शर्मा सतपाल खारी ईश्वर सिंह यतेंद्र भाटी संदीप भाटी प्रशांत भाटी अशोक भाटी बाबा रंगीलाल रणपाल गुर्जर सतबीर यादव सुरेंद्र भाटी पप्पू ठेकेदार सुधीर रावल यतेंद्र सुनपुरा अमित यादव मोनू मुखिया नरेश नागर समीक्षा बैठक में अपने विचार रखे और सभी ने एक सुर में आंदोलन को तेज करने की बात कही। साथ ही संकल्प लिया कि 31 दिसंबर 2024 तक 10% के मुद्दे एवं नए कानून को लागू करने के लिए सरकार पर दबाव बनाकर फैसला कराकर ही दम लेंगे।