वक्फ संशोधन बिल को लेकर संयुक्त संसदीय समिति को करीब 84 लाख सुझाव ईमेल के जरिए मिले है. इसके अलावा 70 बॉक्स लिखित सुझाव भी मिले हैं. वहीं इस बिल को लेकर सुझाव देने की समय सीमा सोमवार रात को समाप्त होने वाली है. समिति की अगली बैठक 19-20 सितंबर को होने वाली है. संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा कि समिति ने किसी तरह का क्यू आर कोड जारी नहीं किया है. सूत्रों के अनुसार जेपीसी मुंबई, हैदराबाद, चेन्नई, बैंगलुरु, अहमदाबाद के साथ-साथ देश के अलग-अलग कई शहरों का दौरा करेगी. वहां जाकर स्टेक होल्डर्स से बिल के बारे में सुझाव लिए जाएंगे. बता दें कि केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की शक्तियों को लेकर वक्फ संशोधन बिल संसद में पेश किया था. इसके बाद बिल को संयुक्त संसदीय समिति के पास भेज दिया गया.
चार बैठकों के बाद जनता से समिति ने मांगे थे सुझाव
राजधानी लखनऊ पिछले हफ्ते में जुमे की नमाज के दौरान लोगों ने बिल का विरोध किया था. तब ईदगाह स्थित मस्जिद में मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने वक्फ की कमियों के बारे में दी जानकारी दी और खामियों को गिनाया था. तब कुछ नमाजियों ने क्यूआर कोड के जरिए विरोध दर्ज कराने की बात कही थी. जिस पर अब जेपीसी का कहना है कि उसने इसके लिए कोई क्यूआर कोड जारी नहीं किया है. अब जेपीसी इस बिल पर अलग-अलग स्टेक होल्डर और विशेष लोगों से बात कर उनकी राय ले रही है. जेपीसी की चार बैठकें हो चुकी हैं. इन बैठकों के बाद आम जनता से वक्फ संशोधन बिल को लेकर सुझाव मांगे गए थे.
समिति की पांचवीं बैठक 19 सितंबर को
समिति की पांचवीं बैठक 19 सितंबर को होनी है. जिसमें मुस्लिम समाज की राय और चिंताओं को जानने के लिए पटना के चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. फैजान मुस्तफा, पसमांदा मुस्लिम समाज के प्रमुख लोगों को भी बुलाया गया है. इसके अलावा इस बैठक में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रमुख लोग भी शामिल होंगे. वहीं संयुक्त संसदीय समिति की छठवीं बैठक 20 सितंबर को होनी है. इस बैठक के लिए ऑल इंडिया सज्जदानशीन काउंसिल, अजमेर के प्रमुख चिश्तियों, मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के प्रमुख लोगों और भारत फर्स्ट, दिल्ली संगठन के लोगों को बुलाया गया है. पिछले हफ्ते लोकसभा सांसद तारिक अनवर की अगुवाई वाली ‘ऑल इंडिया कौमी तंजीम’ ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जेपीसी के सामने अपनी आपत्ति जताते हुए कहा था कि विधेयक का मकसद वक्फ बोर्डों को कमजोर कर मुस्लिम समुदाय के धार्मिक मामलों में दखल देना है. संगठन ने विधेयक के 20 बिंदुओं पर आपत्तियां दर्ज कराई थीं. बता दें कि संगठन ने जेपीसी के सामने वक्फ बोर्ड में कलेक्टर राज का भी विरोध किया था.