मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में तबीयत अचानक बिगड़ गई थी, जिसके बाद उसे मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया. यहां इलाज के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. आज मुख्तार अंसारी के जुर्म की दुनिया की बादशाहत तो जरूर खत्म हो गई। मगर उस दहशत के किस्से और कहानियां आज भी जिंदा हैं।
2022 में हुई छापेमारी में बैरक से मिला था होटल का खाना और दशहरी आम
जून, 2022 में बांदा जेल में डीएम ने छापा मारा था। सूत्र बताते हैं कि तब मुख्तार की बैरक में दशहरी आम के साथ-साथ होटल का खाना मिला था। मुख्तार का रुतबा इतना था कि वह जो सुविधा चाहता, वह उसे बैरक में ही मिल जाती थी। बताया जाता है कि मुख्तार जब ट्रांसफर होकर बांदा जेल आया, तो उसके गुर्गे जेल के आसपास किराए पर कमरा लेकर रहने लगे थे। मुख्तार के बड़े भाई और गाजीपुर से सांसद अफजाल अंसारी ने बांदा जेल में मुख्तार की हत्या का अंदेशा जताया था।